“पिरामिड”
ये मकाँ जर्जर जीर्ण शीर्ण अति संकीर्ण भुतहा महल झपटती बिल्लियाँ।।-1 जी जान ईमान इम्तहान सहारा होगा आँख तारा होगा
Read Moreत्रासदी है…. क्या छोटा शहर, क्या महानगर… विकृत मानसिकता के व्यक्ति हर जगह पाए जाते हैं । समझ नहीं आता
Read Moreतजुर्बे से लवरेज, बेबस बागबां ! उपेक्षित,,, स्नेहिल रिश्तों द्वारा ! नि:शब्द हो, चाहें,,, जीवन से रिहाई !! अंजु गुप्ता
Read Moreगम्भीरता का ओढ़ लबादा, आज फिर एक वर्ष बाद हिन्दी दिवस पर, फिर बैठा,,, अभिजात्य वर्ग । दे अँग्रेजी में
Read Moreदर्द की नई परिभाषा है, तुम क्या जानो दर्द की क्या परिभाषा है? दर्द सिर्फ प्यार में नहीं होता, प्यार
Read Moreहर शाम का इंतज़ार करती हो तुम इस कदर जैसे पंछी की उड़ान होती है घोंसले की तरफ़ तुम्हारी हर
Read Moreमोदी लहर से बचने को गठबंधन था बनाया साइकिल पे सवार होकर सड़क भी पार न कर पाया इतना कर
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