“पिरामिड”
ये चित्र चमक रंग अंग नभ दर्शन दृश्य आकर्षण सोलह शृंगार है॥-1 ये धुन मल्हार ऋतुराज दमक साज खटके किवाड़
Read Moreअर्थ का अनर्थ है , बिन तुम्हारे जीवन ये व्यर्थ है। शब्द सिर्फ शब्द हैं। बिन तुम्हारे जिंदगी ये अव्यक्त
Read More01. मेरा है , मेरा है , सब मेरा है इसको निकालो उसको बसाओ धरा रहा सब धरा पै बंद
Read More1) अपनेपन की ऊँगली !! बदल जाने के लिए वक़्त होता है रिश्ते नहीं रूठें तो मनाओ मन की गिरह खोलो
Read Moreसंगीत सुहाना बच्चों का हँसना मुस्काना, जीवन का सुन्दरतम गाना। इससे अच्छा नहीं मिलेगा, दुनियाँ में संगीत सुहाना। — प्रभु
Read Moreतुम घर आ गयी? कैसी हो तुम? कुछ खाना खाया था या नहीं? थकी भी होगी न? यही सारे सवाल
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