पुरवैया
जब दरख्तों से अठखेलियां करती है पुरवैया काले घनघोर बादलों के सीने में चमकती है बिजुरिया पिया तुम याद आते
Read Moreक्यों भटकते हो घृणा के और वैर के गलियों और चौबारों में? घूमना है तो घूमो प्रेम के गलियारों में
Read Moreबुज़दिल होने से अच्छा है मन को ताकतवर बनाया जाये कुछ घूँट हौसले के उम्मीद से भरकर जिन्दगी को रोज़
Read Moreजिंदगी के जोड़ घटाने में रिश्तों का गणित अक्सर जरूरत के वक़्त जाने क्यों शून्य हो जाता है और मन
Read More(1) ———- इधर माँ दिवस पर बच्चा दिन भर घर में माँ के नेह को तरसता रहा………… उधर दूसरी ओर समाजसेवी माँ का
Read Moreजब दिल हंसता हैतो पूरी दुनिया खिल उठती हैहंसी बस खूबसूरत होती हैबेइंतहा खूबसूरत होती हैहंसी का हर रंग चटख
Read More1 – आत्मा का उत्थान तै करता है आवागमन के पथ को प्रकाशमान !! 2 – जीवन -मरण जन्म -जन्मांतर
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