गीतिका : नारी की व्यथा
तू लाख कोशिश कर मुझे सताने की मैँ नही बनूंगी चीज अब तेरे सजाने की हुई खता जो इश्क़ कर
Read Moreतू लाख कोशिश कर मुझे सताने की मैँ नही बनूंगी चीज अब तेरे सजाने की हुई खता जो इश्क़ कर
Read Moreमन की बातें कही ना जाए , खामोशी में पलती ! यही वेदना अगर मुखर हो , अश्कों में है
Read Moreआंखों में खुशियां छलके है , यादें बनी झरोखा ! यायावरी हुआ है मनवा , खुद से खा गए धोखा
Read Moreकितने बेरहम है मेरे अपने , बेदम कर के ही माने इश्क की झूठी तसल्ली चाही , वो गम दे
Read Moreउम्र सीढ़ीयां चढ़ती जाये , यौवन भरे कुलांचे ! कैसे दिल का हाल बतायें , मन मयूर है नाचे !!
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