गजल
लौट आओ कि शाम ढल न जाये वक्त है मुकम्मल बदल न जाये काटी है राते हमने करवट बदल कर
Read Moreगजल हाल-ए -दिल उनको आज सुनाया जाये जख्म दिल का उनको फिर से दिखाया जाये अत़्फ की चाह मुझे है
Read Moreगजल आज बहरी हो गयी सरकार है इसलिए हर शख्स अब लाचार है रोज धरती पुत्र मरते जब यहाँ तब
Read Moreसफेद पोशाक में, काला दिमाग रखता है वो। सेवक बनकर सेवा का लाभ उठाता है वो।। अजीब तरह का हुनर
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