आज के दोहे
प्रेम, दया, करुणा सभी, मानव के श्रृंगार। मिल-जुलकर जो रह गये, हो जाये उद्धार। जीवन का दर्शन यही, यही समूचा
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Read Moreसंग शारदा मातु के, लक्ष्मी और गणेश ! दीवाली को पूजते, इनको सभी ‘रमेश !! आतिशबाजी का नहीं, करो दिखावा
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