हमीद के दोहे
रफ्ता रफ्ता खो गया, दिल का चैन करार।रफ्ता रफ्ता हो गया, मुझको उससे प्यार। जब से मेरी हो गयीं ,
Read Moreरफ्ता रफ्ता खो गया, दिल का चैन करार।रफ्ता रफ्ता हो गया, मुझको उससे प्यार। जब से मेरी हो गयीं ,
Read Moreसात दशक में भी नहीं, आया कुछ बदलाव। खाते माल हराम का, अब भी ऊदबिलाव।। चाहे धरती पर रहें, कैसे
Read Moreअधरों पर तो हास है, पर दिल में तूफान ! सिसक-सिसक दम तोड़ते, बेचारे अरमान !! प्यार,वफ़ा,अपनत्व अब, बिकते हैं
Read Moreकभी तपिश, कभी बारिशें,और कभी मौसम सर्द । ऋतुएँ बदलें, जीवन वही, पग पग मिलता दर्द ।। व्यथित मन में
Read More1) सहज सजग होकर चलना। निज मान न खोकर चलना। छल-कपट न रखना मन में- हृदय वसन धोकर चलना। 2)
Read Moreदहकां के दुख दर्द का,तनिक नहीं आभास। वोटन खातिर गाँव में , झूठा करें प्रवास। जनता किस बूते करे, इन
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