सामाजिक

ब्लॉग/परिचर्चासामाजिक

पैसा, प्यार, पावर, प्रसिद्धि, पाप-पुण्य और परिस्थिति

पैसा – जीने के लिए ‘पैसा’ जरूरी है. ‘जीवन’ के लिए ‘प्यार’ जरूरी है, प्यार के बाद कुछ ‘पावर’ तो

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सामाजिक

सवाल हिंदी सहित ‘भारतीय-भाषाओं’ का है

संविधान  परिषद  की १२  सितम्बर  १९४९ को अपराह्न में भाषा के  प्रश्न पर  विचार   किया  गया। अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने स्मरणीय

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सामाजिक

स्वच्छ भारत अभियान को सफल करना प्रत्येक देशवासी का कर्तव्य

ओ३म् धर्म व संस्कृति की दृष्टि से भारत संसार का सबसे प्राचीन देश है। धर्म व संस्कृति में आध्यात्मिक उन्नति

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्मसामाजिक

आर्यसमाज का एक शताब्दी पूर्व दिल्ली में दलितोद्धार का अपूर्व कार्य

ओ३म्   महाभारत युद्ध के समाप्त होने के बाद देश निरन्तर पतन की ओर अग्रसर होता रहा जिस कारण नाना 

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सामाजिक

यथार्थ वर्णव्यवस्था और दलितोद्धार में महर्षि दयानन्द का योगदान

ओ३म् इतिहास में महर्षि दयानन्द पहले व्यक्ति हुए हैं जिन्होंने उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्ध में जन्मना वर्ण-जाति व्यवस्था से  ग्रस्त

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