विश्व भारती फिर तू कोई वीर सावरकर पैदा कर
विश्व भारती फिर तू कोई क्राँति दिवाकर पैदा कर, एक बार फिर से धरती पर कोई सावरकर पैदा कर। जलती
Read Moreविश्व भारती फिर तू कोई क्राँति दिवाकर पैदा कर, एक बार फिर से धरती पर कोई सावरकर पैदा कर। जलती
Read Moreमन तुम उन्मुक्त उड़ो पथ पर आते आवर्त अनेक, तुम ध्येय बनाओ केवल एक, नवयुग धरती पर लाने, नवज्योति क्राँति की
Read Moreकवि आज क्या सुनाए, गीत किन पर अब लुटाए। सपनोँ की रचना व्यर्थ है, मन कहने मेँ असमर्थ है। दुख
Read Moreतिमिर घनेरा है अंधेरा फिर भी एक आस है, आत्मा को ब्रह्म तक ले जाने का प्रयास है। गोविँद की
Read Moreराह नहीँ छोडूँगा चाह नहीँ छोडूँगा आ जाएँ पथ पर शूल सभी, प्रयत्न हो जाएँ धूल सभी, मै नित नवक्राँति
Read Moreगिरिधर बाबू के यहाँ पँचायत बैठी थी। उनके और उनके भाइयों के बीच पैतृक संपत्ति के बँटवारे का फैसला होना
Read Moreआये दिन लटकती लाशे फूल बनने से पहले दम तोड़ती कलियाँ बलात्कार, चोरी , डकैती हत्या , आतंकवाद रोजमर्रा की
Read Moreबजती नहीं कोई झंकार जाते जातेटूटते हैं दिल के अब तार जाते जातेवक़्त ए रुखसती हो चली अब तो यूँ बस
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