***मैँ मध्यप्रदेश हूँ ***
मैँ भारत माता का हृदय हूँ, सत्य सार्थक की विजय हूँ, ग्वालियर का राजभवन मै, उज्जैनी का महाकाल हूँ, राजाओँ
Read Moreमैँ भारत माता का हृदय हूँ, सत्य सार्थक की विजय हूँ, ग्वालियर का राजभवन मै, उज्जैनी का महाकाल हूँ, राजाओँ
Read Moreमेरी इन दो भुजाओँ मेँ, मेरी पत्तियोँ की छाओँ मेँ, दो मासूम कलियोँ को दरिँदोँ ने मसल डाला, मैँ देखता
Read Moreमिलता हूँ रोज खुद से, तभी मैं जान पाता हूँ, गैरों के गम में खुद को, परेशान पाता हूँ। गद्दार
Read Moreरात जहाँ पहुचती है घुप्प अँधेरे के साथ मौत अपने वहशीपन से बाहर निकलकर विचरण करती है तलाश करती किसी
Read Moreसंघर्ष सृजन के लिए किया जाता रहा सृजन से फिर आकांक्षाओं की पूर्ति पूर्ति के बाद बढ़ता उबासीपन उबासिया से
Read Moreमुझे बड़ा आश्चर्य हुआ की मेरे फेसबुक के कई मित्रो ने आज ‘हिन्दू साम्राज्य दिवस’ की शुभकामनायें दे रहे थे
Read Moreमेरे हमनसी मेरे दिलबर अपने प्यार का पता दे तू दूर क्यों है हमसे इतना जरा पता दे तेरे प्यार
Read Moreकुंवारी लडकियाँ … गिनती है पिता के माथे की शिकन और फिर गिनती है अपनी उम्र हाथ के उँगलियों में
Read Moreवीर शिवाजी जी मुस्लिम नीति एवं औरंगज़ेब की धर्मान्धता- एक तुलनात्मक अध्ययन महाराष्ट्र के पुणे से सोशल मीडिया में शिवाजी
Read Moreसमझ आते आते ही आया तुम्हारा प्रेम…। परिंदों से प्रेम करते हुए पिंजरे खरीद लाए… हिरण जंगल से बाड़े में
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