राजनीति

छह माह में आशाओं के नये दीप जले

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूर्ण बहुमत वाली भाजपा गठबंधन सरकार के अब छह माह पूर्ण हो गये हैं। इन छह माह में मोदी सरकार जिस प्रकार से आगे बढ़ रही है उससे देश की जनता में आशा की नयी उम्मीद जगी हैं नये दीप जले हैं। विगत छह माह में काफी कुछ बदलाव देखने को मिले हैं तथा अब देश की जनता को लगने लगा है कि वाकई अच्छे दिन आ रहे हैें। भले ही उनकी गति कुछ धीमी हो। मोदी सरकार में देश की अर्थव्यवस्था में सुधार के स्पष्ट संकेत दिखलाई पड़ रहे हैं। मोदी सरकार में पेट्रोल-डीजल के दामों मेें गिरावट हो रही है, मुद्रास्फीति नियंत्रित होती नजर आ रही है। प्रधानमंत्री जन-धन योजना परवान चढ़ रही है जिसकेे कारण नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का ग्राफ भी बढ़ रहा है। आम जनमानस को भी लगने लगा है कि महंगाई कुछ कम अवश्य हुई है साथ ही नियंत्रित भी है। पहली बार देश को बोलने वाला प्रधानमंत्री मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चलो गांव की ओर कार्यक्रम अपनी रफ्तार पकड़ रहा है। लगभग सभी सांसद सांसद आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत एक गांव को गोद ले चुके हैं। गांवोे को गोद लेने का कार्यक्रम अनवरत जारी है। इसी प्रकार कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने देश के वैज्ञानिकों से भी एक गांव गोद लेने को कहा है। आईआईटी और आईआईएम को भी कम से कम एक गांव गोद लेने को कहा गया है। यदि यह योजना फलीभूत हुई तो और धरातल पर कामयाब हो गयी तो देश के गांवो व गरीबों के वाकई में अच्छे दिन तो आ ही जायेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वच्छता अभियान भी अब धीरे-धीरे गति पकड़ रहा है। देश की काई जानी-मानी हस्तियां प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान में शामिल होकर स्वच्छता और शौचालय निर्माण के प्रति देश की जनता को जागरूक करने का अभिनव अभियान छेड़ दिया है। प्रधानमंत्री मोदी की कार्यशैली से पूरा देश प्रभावित हो रहा है। मोदी की लोकप्रियता में लगातार इजाफा हो रहा है। विभिन्न टीवी चैनलों व सोशल मीडिया में कराये गये विभिन्न सर्वेक्षणों से पता चलता है कि मोदी की लोकप्रियता लगभग 87 प्रतिशत तक बढ़ गयी है। न्यायपालिका के माध्यम से कोयला घोटाले सहित अन्य बड़े घोटालों की फाइलें आगे बढ रही हैं तथा लगने लगा है कि अब भविष्य में कानून का राज होगा अर्थात हर बड़े मामलों में कानून अपना काम करेगा। कोई भी राजनेता हो या संत या फिर समाज का बड़े से बड़ा अपराधी अपने आपको बचा नहीं सकेगा। केंद्र की मजबूत सरकार तथा मजबूत न्यायपालिका और सक्षम कानून के एक साथ हो जाने के बाद अपराधियों और घोटालेबाजों की नींद अवश्य हराम हो गयी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कई बड़ी योजनाएं परवान चढ़ रही हैं जबकि डिजिटल इंडिया, स्मार्ट सिटी, रेलवे में बदलाव की बयार व गंगा नदी सहित अन्य नदियों का सफाई अभियान अभी सिरे चढ़ना बाकी तो है लेकिन प्रधानमंत्री मोदी अपने सभी सपनों को पूरा करने के लिए पूरी तरह से आश्वस्त हैं। प्रधानमंत्री मोदी का करिश्मा हरियाणा और महाराष्ट्र में तो चल गया लेकिन अभी झारखंड और जम्मू कश्मीर में उनकी परीक्षा का एक दौर चल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने छह माह के कार्यकाल मेें देश को एक चैंकाने वाला रक्षामंत्री दिया है। किसी राजनैतिक विश्लेषक ने सपने में भी नहीं सोचा था कि गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर जैसा शानदार व्यक्तित्व देश का रक्षामंत्री बनेगा। देश के नये रक्षामंत्री ने पहली बार ही सभी सेनाओं के प्रमुखोें को प्रतिदिन नौ बजे तक कार्यालय में रहने का फरमान दिया। 28 वर्षो के बाद बोफोर्स तोपों का एक बार फिर बड़ा समझौता किया गया। इसके अलावा रक्षा मंत्रालय में कई अन्य बड़े हथियार समझौतों को भी हरी झंडी दी जा चुकी है। रक्षा मंत्रालय सहित देश के कई मंत्रालयों में विकास की सुस्त रफ्तार तेज हो रही है। विकास की गति में अब पर्यावरण मंत्रालय रोज ब रोज रोड़ा नहीं बन पा रहा है। सड़क परिवहन मंत्रालय सहित सभी विभागों का काम गति पकड़ रहा है।

केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी सहित कई मंत्रियों को उनकी अनुभवहीनता के चलते विपक्ष उनको किसी न किसी न मामले में घेरने का असफल प्रयास करता है लेकिन निराशा ही हाथ लगती है। मानव संसाधन मंत्रालय ने हाल ही में कक्षा छह से 12 तक जर्मन भाषा के स्थान पर संस्कृत भाषा को पढ़ाने का निर्णय लिया जिसको लेकर देश के तथाकथित धर्मनिरपेक्षतावादी लोगों की ओर से इसका विरोध किया गया। इन लोगों को लगता है कि देश की भावी पीढ़ी के लोग संस्कृत पढ़कर 21वीं सदी में नहीं जा सकते जबकि वास्तविकता में ऐसा नहीं हैं।

अपने छह माह के कार्यकाल में प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल को जो भी काम अभी तक सौंपे हैं उसे डोभाल ने चिरपरिचित अंदाज में पूरा किया है। बर्दमान विस्फोट को डोभाल ने जिस गंभीरता व चतुराई से हल किया है तथा नये खुलासे किये हैं उससे बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी गहरे दबाव में आ गयी हैं। अब डोभाल को चीन सीमा विवाद हल करने का जिम्मा दिया गया है। कालेधन पर विपक्ष सरकार को घेरने में लग गया है। सर्वोच्च नयायालय से सुप्रीम फटकार भी लग चुकी है। लेकिन मन की बात कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री देशवासियों से कह चुके हैं कि वे प्रधानसेवक पर भरोसा रखें हम हरहालत में विदेशों में जमा एक-एक पाई लाकर रहेंगे। साथ ही विभिन्न सर्वेक्षणों में भी यह बात उभर कर आ रही है कि लगभग 67 प्रतिशत जनता को उम्मीद है कि देश का कालाधन जो कि विदेशों में जमा है उसे मोदी सरकार वापस लाकर रहेगी। देश की जनता को सरकारी कामकाज में भी सुधार होता प्रतीत हो रहा है। लगभग 80 प्रतिशत जनता का का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी की कार्यशैली का असर सरकारी बाबुओं व कार्यालयों पर भी पड़ा है।

एक प्रकार से देश की जनता का प्रधानमंत्री मोदी व सरकार पर भरोसा कायम है। प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता विदेशों में बहुत बढ़ी है। नेपाल से लेकर अमेरिका तक फिर वह चाहे संयुक्तराष्ट्र की महासभा की बैठक हो या फिर म्यांमार में आसियान शिखर सम्मेलन व आस्टेªलिया में जी-20 देशों की बैठक हर जगह मोदी-मोदी की गूंज सुनाई दे रही है। विश्व का हर बड़ा नेेता आज मोदी से मिलने के लिए आतुर हो रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा को 26 जनवरी को मेहमान बनाकर एक ऐतिहासिक कारनामा कर दिखाया है। अमेरिकी राष्ट्रपति के भारत दौरे से भारत अमतेरिका सम्बंधों में एक नया युग प्रारम्भ हो सकता है। आज प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता का आलम यह है कि मोदी अमेरिकी पत्रिका ”टाइम“ के “पर्सन आफ द ईयर” हो सकते हैं। मोदी 7.7 प्रतिशत वोट पाकर तेजी से पहले स्थान पर पहुंच गये हैं। उन्होंने रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन को लोकप्रियता के मुकाबले पछाड़ दिया है।

वैसे भी जब से मोदी की सरकार बनी है तब से रोज ही कुछ न कुछ बदल रहा है और हो भी रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने शिक्षक दिवस के अवसर पर बच्चों को संबोधित किया। हाइटेक युग में प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात के माध्यम से जनता से सीधे अपनी बातें कहकर सभी को हैरान कर दिया है। फिलहाल अभी तो मोदी सरकार बनी है छह माह हो गये हैं। सरकारी कामकाज को लगभग समझ लिया है तथा कुछ पर काम जारी है। शीघ्र ही कई कोणों से कुछ धमाके होंगें ही। प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह कांग्रेसमुक्त अभियान में लगे हुये है। मुस्लिम तुष्टीकरण और जन-धन की लूट बंद हो चुकी है अब इनको लूटने वालों के बंद होने का समय आ गया है। रोजा इफ्तार और चादरें चढ़ाने तथा सरकारी बंगलो पर कब्जा करने का खेल भी समाप्त हो चुका है। यही कारण है कि कुछ लोग मोदी के खिलाफ अभी भी जहर उगल रहे हैं तथा उनको ”दंगागुरू“ और “सेल्फीगुरू” तक कहकर अपमानित करने का असफल प्रयास कर रहे हैं। ऐसे लोगों की जमीन दरक रही है। नयी सरकार में आशाओं के दीप बराबर जल रहे हैें। अच्छे दिन आ रहे हैं।

One thought on “छह माह में आशाओं के नये दीप जले

  • विजय कुमार सिंघल

    बहुत अच्छा लेख. मोदी जी का ६ माह का कार्यकाल उपलब्धियों की दृष्टि से सर्वश्रेष्ठ रहा है. उनकी उपलब्धियां भी साफ़ दिखाई दे रही हैं. फिर भी अगर किसी को नज़र नहीं आ रही हैं, तो उनको अपनी आँख का इलाज कराना चाहिए.

Comments are closed.