कविता

जय भारत माँ /गीत

 

यह भूमि अहा! मम भारत की।

सुजला, सुफला, महकी-महकी।

इस भू पर जन्म अनंत लिए।

सुख सूर्य, अनेक बसंत जिये।

 

यह स्वर्ग धरा पर और कहाँ?

जय भारत माँ! जय भारत माँ!

 

सिर, ताज हिमालय शोभित है।

चरणों पर सागर मोहित है।

हर रात यहाँ पर पूनम की।

हर प्रात सुवर्णिम सूरज की।

 

बहतीं यमुना अरु गंग यहाँ।

जय भारत माँ! जय भारत माँ!

 

यह भूमि पुरातन वैभव की।

यह भूमि सनातन गौरव की।

यह संस्कृति की बहती सरिता।

अति पावन है यह वेद ऋचा।

 

इतिहास यही कहतीं सदियाँ।

जय भारत माँ! जय भारत माँ!

 

हर हाथ जुड़े नित वंदन को।

हर शीश झुके अभिनंदन को।

यह पोषक है, अभिभावक है।

सुखकारक है, वरदायक है।

 

नित गुंजित हो इसकी महिमा।

जय भारत माँ! जय भारत माँ!

 

हम याद रखें, यह माँ सबकी।

जिस छोर बसें, सुध लें इसकी।

बन सेवक हों, इसके प्रहरी।

पनपे मन में ममता गहरी।

 

कम हो न कभी इसकी गरिमा।

जय भारत माँ! जय भारत माँ!

 

-कल्पना रामानी

(मेरे नवगीत संग्रह “हौसलों के पंख” से)

*कल्पना रामानी

परिचय- नाम-कल्पना रामानी जन्म तिथि-६ जून १९५१ जन्म-स्थान उज्जैन (मध्य प्रदेश) वर्तमान निवास-नवी मुंबई शिक्षा-हाई स्कूल आत्म कथ्य- औपचारिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद मेरे साहित्य प्रेम ने निरंतर पढ़ते रहने के अभ्यास में रखा। परिवार की देखभाल के व्यस्त समय से मुक्ति पाकर मेरा साहित्य प्रेम लेखन की ओर मुड़ा और कंप्यूटर से जुड़ने के बाद मेरी काव्य कला को देश विदेश में पहचान और सराहना मिली । मेरी गीत, गजल, दोहे कुण्डलिया आदि छंद-रचनाओं में विशेष रुचि है और रचनाएँ पत्र पत्रिकाओं और अंतर्जाल पर प्रकाशित होती रहती हैं। वर्तमान में वेब की प्रतिष्ठित पत्रिका ‘अभिव्यक्ति-अनुभूति’ की उप संपादक। प्रकाशित कृतियाँ- नवगीत संग्रह “हौसलों के पंख”।(पूर्णिमा जी द्वारा नवांकुर पुरस्कार व सम्मान प्राप्त) एक गज़ल तथा गीत-नवगीत संग्रह प्रकाशनाधीन। ईमेल- kalpanasramani@gmail.com

One thought on “जय भारत माँ /गीत

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    देश भक्ती में डूबी सुन्दर रचना .

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