शिशुगीत

शिशुगीत – ८

1. नाना

नाना आते लिए मिठाई
देते हमको चॉकलेट
लेकर जाते संग घुमाने
और दिलाते टॉय जेट

2. नानी

नानी करती बातें खूब
तनिक न होने देती ऊब
हमको प्यारे उसके लड्डू
जैसे खरगोशों को दूब

3. मौसी

मौसी तो हमसब को प्यारी
आती बन खुशियों की क्यारी
लूडो-कैरम, चेस खेलकर
हमें कराती मस्ती सारी

4. बड़े मामा

बात बड़े मामा की क्या जी
कहते रहते खाओ भाजी
पढ़ने को बोलें सारा दिन
उनको तो अपनी है ना जी

5. छोटे मामा

छोटे मामा साथी मेरे
हम रहते हैं उनको घेरे
बिठा बाइक पे हमें घुमाते
मॉल दिखाते शाम-सवेरे

*कुमार गौरव अजीतेन्दु

शिक्षा - स्नातक, कार्यक्षेत्र - स्वतंत्र लेखन, साहित्य लिखने-पढने में रुचि, एक एकल हाइकु संकलन "मुक्त उड़ान", चार संयुक्त कविता संकलन "पावनी, त्रिसुगंधि, काव्यशाला व काव्यसुगंध" तथा एक संयुक्त लघुकथा संकलन "सृजन सागर" प्रकाशित, इसके अलावा नियमित रूप से विभिन्न प्रिंट और अंतरजाल पत्र-पत्रिकाओंपर रचनाओं का प्रकाशन

One thought on “शिशुगीत – ८

  • विभा रानी श्रीवास्तव

    सुंदर

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