कविता

गीत- गुस्सा हलका हो जायेगा

आओ थोड़ा बोल-बता लो,गुस्सा हलका हो जायेगा
किस्सा ये जो है पीड़ा का,किस्सा कल का हो जायेगा
कोई काम बने गुस्से से
तो कर लो अपनी मनमानी
वरना गुस्सा कहलाता है-
नादानी की एक निशानी
नादानी में निर्णय लोगे,वो पागल का हो जायेगा
आओ थोड़ा बोल-बता लो,गुस्सा हलका हो जायेगा
हमने सबसे यही सुना है-
क्रोध पाप की जड़ होता है
और क्रोध में हम जो करते
वो सब कुछ गड़बड़ होता है
जीवन भर का दर्द,काम बस पल दो पल का हो जायेगा
आओ थोड़ा बोल-बता लो,गुस्सा हलका हो जायेगा
पास तुम्हारे खुशियाँ भी हैं
क्या मैं तुम्हें बता दूँ बोलो
अच्छा देखो अपने मन की
तुम कोई भी खिड़की खोलो
मन खुशबू ये भर जायेगा,घर संदल का हो जायेगा
आओ थोड़ा बोल-बता लो,गुस्सा हलका हो जायेगा।

डॉ.कमलेश द्विवेदी
मो.09415474674

One thought on “गीत- गुस्सा हलका हो जायेगा

  • विभा रानी श्रीवास्तव

    सुंदर रचना

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