लघुकथा

समर्थ ही श्रेष्ठ

“वो तीन बच्चे देख रहे हो…”
“हाँ…”
“इनमें से एक बच्चा शायद अधिक सक्षम है, वो कागज़ लेकर आया था, बाकी दो बच्चों ने तीन नावें बनाकर एक नाव उसे दे दी, जिसे उसने सबसे आगे रखा और बाकी दोनों की पीछे|”
“बच्चों का खेल है….”
“हाँ! लेकिन सिर्फ बच्चों का ही नहीं…”
उसके जेहन में देश के कई प्रबुद्ध लोगों के चेहरे आ गये जो सबसे आगे रहते थे|

— चंद्रेश कुमार छतलानी

डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी

नाम: डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी शिक्षा: विद्या वाचस्पति (Ph.D.) सम्प्रति: सहायक आचार्य (कम्प्यूटर विज्ञान) साहित्यिक लेखन विधा: लघुकथा, कविता, बाल कथा, कहानी सर्वाधिक अकादमिक प्रमाणपत्र प्राप्त करने हेतु रिकॉर्ड अंग्रेज़ी लघुकथाओं की पुस्तक रिकॉर्ड हेतु चयनित 12 पुस्तकें प्रकाशित, 8 संपादित पुस्तकें 32+ शोध पत्र प्रकाशित 40+ राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय सम्मान प्राप्त फ़ोन: 9928544749 ईमेल: chandresh.chhatlani@gmail.com डाक का पता: 3 प 46, प्रभात नगर, सेक्टर-5, हिरण मगरी, उदयपुर (राजस्थान) – 313 002 यू आर एल: https://sites.google.com/view/chandresh-c/about ब्लॉग: http://laghukathaduniya.blogspot.in/

One thought on “समर्थ ही श्रेष्ठ

  • गेहराई और भाव्पूरत .

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