लघुकथा

लघुकथा : आपको गोली मारूंगा

“आया रे खिलौने वाला खेल खिलौने ले के आया रे…… खिलौने ले लो भाई, खिलौने……” खिलौने वाला गाता हुआ जा रहा था। राधा के बच्चे दौड़ते हुए बाहर आए और खिलौने लेने की जिद करने लगे। राधा ने खिलौनेवाले को बुलाया और दो खिलौने मांगे। रेखा ने तो खिलोना फोन ले लिया, लेकिन रोहित ने गिटार लेने की जिद पकड़ ली । गिटार थोड़ा मंहगा था तो राधा ने उसे मना करने के बाद भी खिलौना बन्दूक दिलवा दी। रोहित ने रोते रोते बन्दूक ले ली और बोला, “मां मैं जानता हूं कि ये झुट्टी मुट्टी की बन्दूक है और इससे कोई मरता बी नई… लेकिन मैं बड़ा हो कर सच्ची की बन्दूक लूंगा और सबसे पहले आप को गोली मारूंगा।’’

मां ने चट्ट से उसके गाल पर तमाचा जड़ते हुए कहा “बेवकूफ …. ये किसने सिखाया तुझे ।”

“आपने ही तो सिखाया बन्दूक दिलवाकर! जब मैं….” रोते रोते रोहित मां से बोला।

राधा कभी बेटे को देखती कभी उसके हाथ में दी हुई बन्दूक को।

अनन्त आलोक

नाम - अनन्त आलोक जन्म - 28 - 10 - 1974 षिक्षा - वाणिज्य स्नातक शिक्षा स्नातक, पी.जी.डी.आए.डी., व्यवसाय - अध्यापन विधाएं - कविता, गीत, ग़़ज़ल, हाइकु बाल कविता, लेख, कहानी, निबन्ध, संस्मरण, लघुकथा, लोक - कथा, मुक्तक एवं संपादन। लेखन माध्यम - हिन्दी, हिमाचली एंव अंग्रेजी। विशेष- हि0प्र0 सिरमौर कला संगम द्वारा सम्मानित पर्वतालोक की उपाधि - विभिन्न शैक्षिक तथा सामाजिक संस्थाओं द्वारा अनेकों प्रशस्ति पत्र, सम्मान - नौणी विश्वविद्यालय द्वारा सम्मान व प्रशस्ति पत्र - दो वर्ष पत्रकारिता आकाशवाणी से रचनाएं प्रसारित - दर्जनों पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित - काव्य सम्मेलनों में निरंतर भागीदारी - चार दर्जन से अधिक बाल कविताएं, कहानियां विभिन्न बाल पत्रिकाओं में प्रकाशित प्रकाशन - तलाश (काव्य संग्रह) 2011 संपर्क सूत्र - साहित्यालोक, बायरी, डा0 ददाहू, त0 नाहन, जि0 सिरमौर, हि0प्र0 173022 9418740772, 9816642167

3 thoughts on “लघुकथा : आपको गोली मारूंगा

  • लीला तिवानी

    प्रिय अनंत भाई जी, सही है, बोए बीज बबूल के, आम कहां से होएं!

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    गलत दिशा दिखाने का परीणाम .

  • विजय कुमार सिंघल

    सावधान करती लघुकथा ! हम बच्चों को जैसे बनाना चाहते हैं वैसे ही वे बनते हैं.

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