कविता

कविता : मुस्कराहट

आसान तरीका है ये गैरों को
अपना बनाने का
खुशियाँ बाँटने और पा के
मालमाल हो जाने का ।
धन्य हैं वो जिसने मुस्कुराने की
कला सीख ली
दर्द को भेद कर चेहरे पर
चार चाँद लगाने का ।
देखें तो समझ पाएँगे सोचकर,
वो खास बन जाता है
जिसने मुस्कुराकर बनाया
आसान ज़िन्दगी जीने का ।
तो हम भी क्यों न पैदा करें
फूलों से ,मुस्कान की शक्ति को
खिली रहे मुस्कन होठों पर
बानाएँ बहार बगिया जीवन का ।
एक-एक हंसी की आस मे
न जाने कितने उठाते हैं सितम
आहिस्ता-आहिस्ता गली-गली
हर रास्त-रास्ता फैला के
मुस्कान की खुशबू गुनगुनाने का
— प्रमिला श्री

प्रमिला श्री

नाम- प्रमिला तिवारी शिक्षा - एम.ए (इतिहास ) शास्त्रीय संगीत रत्न पता शान्ति काँलोनी, सराय ढ़ेला धनबाद, (झारखण्ड) पीन 828127 फोन 9835145730, 8252361752 ,03262207862 सम्प्राप्ति गृहणी घर पर संगीत शिक्षा देना, संगीत से प्रकाशित कृत्तियां : साझा कविता संग्रह, कव्य सुगंध भाग 2 ; सहोदरी सोपान,गुंज, लोक जंग एवं विभिन्न पत्रिकाओं मे रचनाऐं प्रकाशित, सभी रचनाओं मे अर्पित मन की सहज अभिव्यक्ति धनबाद उपायुक्त द्वारा सम्मान प्राप्त, 2002 के दशक मे गीत लिखना, लयबद्ध कर गाना !!॥