हास्य व्यंग्य

रिक्शा नवा उई लै लेती (अवधी)

रिक्शा नवा उई लै लेती (अवधी)
बप्पा बहुत बनाईन है, लरिका खूब चलाईन है।
चच्चू लैइकै भागि लिहिन, गड्ढाम खूब कुदाईन है।
चिमटा तूरिन, रिम टेडुहवाईन , हवाव नही भरियन है।
ट्यूब बाहेर झांकत है, गाटरव नही धरायिन है।
बप्पा बहुत बनाईन है, लरिका खुब चलाईन है।

त्याराखाना रिन्च लेहे कुछ जने उमा जुटियाय गये।
कोन कटोरी बदलिय रहे, छर्राम ग्रिस लगाय रहे।
पंचर नही बनुवावत हैं, पम्प का हफ्फाय रहे।
गद्दी का खूब नोचिन है, बहुत लोड लदाईन है।
चच्चू लैइका भागिन लिहन, गड्ढाम खूब कुदाईन है।

बहुत सुलेशन जाय रहा, टैर ट्यूब सब नये भये।
फ्रेम मगर तववाय रहा, जो तूरिन उई कहां गये।
पलटन लैइकै चलैक रहै तो, रिक्शा नवा उई लै लेती
हमरी (राज) से कौन दुश्मनी, बहुत लोन लगाईन है।
चिमटा तूरिन, रिम टेडुहवाई , हवाव नही भरियन है।

राजकुमार तिवारी (राज) बाराबंकी उ0 प्र0

राज कुमार तिवारी 'राज'

हिंदी से स्नातक एवं शिक्षा शास्त्र से परास्नातक , कविता एवं लेख लिखने का शौख, लखनऊ से प्रकाशित समाचार पत्र से लेकर कई पत्रिकाओं में स्थान प्राप्त कर तथा दूरदर्शन केंद्र लखनऊ से प्रकाशित पुस्तक दृष्टि सृष्टि में स्थान प्राप्त किया और अमर उजाला काव्य में भी सैकड़ों रचनाये पब्लिश की गयीं वर्तामन समय में जय विजय मासिक पत्रिका में सक्रियता के साथ साथ पंचायतीराज विभाग में कंप्यूटर आपरेटर के पदीय दायित्वों का निर्वहन किया जा रहा है निवास जनपद बाराबंकी उत्तर प्रदेश पिन २२५४१३ संपर्क सूत्र - 9984172782