गीतिका/ग़ज़ल

मुलाकात अच्छी थी !

वो झिलमिल सितारों वाली रात अच्छी थी।
अनायास हो गई उनसे मुलाकात अच्छी थी।

सोचते रहते थे नैन शाम औ सहर जिसको;
पहली बार मिले जब वो बरसात अच्छी थी।

तुम्हारी तस्वीर से भी गुफ्तगु हो जाती है कभी;
गुज़रे जो लम्हें तुम संग वो सौगात अच्छी थी।

मिले खुशी या गम हमें अब कोई गम नहीं है;
दो कदम चले जब साथ वो शुरुआत अच्छी थी।

दिलों के दरम्यां न फासले हो ये देखना तुम भी;
तुम्हें देख कर जो शुरु हुई वो प्रभात अच्छी थी।

कामनी गुप्ता***
जम्मू !

कामनी गुप्ता

माता जी का नाम - स्व.रानी गुप्ता पिता जी का नाम - श्री सुभाष चन्द्र गुप्ता जन्म स्थान - जम्मू पढ़ाई - M.sc. in mathematics अभी तक भाषा सहोदरी सोपान -2 का साँझा संग्रह से लेखन की शुरूआत की है |अभी और अच्छा कर पाऊँ इसके लिए प्रयासरत रहूंगी |