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पन्द्रह अगस्त स्वतंत्रता दिवस

आज पन्द्रह अगस्त स्वतंत्रता दिवस है आज के दिन सभी भारत वासी स्वतंत्र होने का एक दूजे को अहसास दिलाते हैं याद दिलाते हैं कि हम आजाद इसी दिन हुए थे वास्तव में यह दिन हमारे सौभाग्य का दिवस है आज के ही दिन हमारे देश के विजय का आगाज तिरंगे के द्वारा इस निलाकाश में फहरा था। कई शताब्दियों से गुलामी में जकड़ा यह भारत आज के ही दिन स्वतंत्र होने का मंगल प्रभात हुआ।

वीर सपूतों ने अपनी जानें गवां कर हमें इस दिवस को हर साल मनाने का शुभ अवसर प्रदान किये। इतना ही नहीं बल्कि ईमानदारी सच्चाई देश भक्त बनने का संदेश दे गये। भ्रष्टाचार से कोसों दूर रहने की शिक्षा दे गये। अनेकता में एकता का पाठ पढ़ा कर चले गये। शायद इसी का नतीजा आज हमारे देश में कई धर्म कई जातियाँ होने के बावजूद भी हिमालय से लेकर कन्याकुमारी तक तथा बंगाल की खाड़ी से लेकर थार मरुस्थल तक सब एक है।

अफसोस होता है कि आजादी के ७० साल बित जाने के बाद भी हमारा देश उस मोकाम पर नही पहुंच पाया जहां पहुंचना चाहिए। अर्थव्यवस्था के मजबूती को देखते हुए, एक अच्छा संविधान होते हुए भी कुछ चन्द लोभियों, पद की लोलुपता रखने वालों जातिगत भावनाएं रखने वाले लोगों की वजह से अपने मंजिल से कोसों दूर है। हाँ विकास हुआ है भ्रष्टाचार, गरीबी, नकस्लवाद का जिसके अन्दर लोग दबे कुचले जा रहे हैं। घर से बेघर हो रहे हैं। शोषित हो रहे हैं। परिवार उजड़ रहा है। ईमानदारी विलुप्त हो रही है बेईमानी घर बना रही है। ईमानदारी का दम घूट रहा है बेईमानी ठहाके लगा रही है।

खैर इसे दूर करने के लिए हम सबको सोचना है विचार करना है चिन्तन करना है पटरी से उतरी हुई गाड़ी को पुनः पटरी पर लाकर चलाना ही नहीं दौड़ाना है। अभिभावक गण अभिभावक की तरह सोंचे शिक्षक गण शिक्षक की तरह सोचें। किसी क्षेत्र का कोई प्रधान हो तो प्रधान की तरह सोचे सहयोग करने वाले सहयोगी की तरह सोचें हर सरकारी कर्मचारी से लेकर पदाधिकारी तक संविधान के हर नियमों का कठोरता से समानता का भाव लिए पालन करें तो वो दिन दूर नहीं जब हमारे देश के नौनिहालों ने भ्रष्टाचार, गरीबी, नकस्लवाद को जड़ से उखाड़ फेकेगे। और इतना ही नहीं बल्कि सत्तर वर्षों में हमारा देश जहाँ तक नहीं पहुंच पाया है उससे आगे दश वर्षों में पहुंचकर दिखाई देने लगेगा। इस जनतंत्र में हर जनता अपने देश के प्रति देशभक्ति जगाये तो हमारा देश स्वर्ग से कम नहीं होगा। जय हिन्द !!!!!

@रमेश कुमार सिंह रुद्र

रमेश कुमार सिंह 'रुद्र'

जीवन वृत्त-: रमेश कुमार सिंह "रुद्र"  ✏पिता- श्री ज्ञानी सिंह, माता - श्रीमती सुघरा देवी।     पत्नि- पूनम देवी, पुत्र-पलक यादव एवं ईशान सिंह ✏वंश- यदुवंशी ✏जन्मतिथि- फरवरी 1985 ✏मुख्य पेशा - माध्यमिक शिक्षक ( हाईस्कूल बिहार सरकार वर्तमान में कार्यरत सर्वोदय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सरैया चेनारी सासाराम रोहतास-821108) ✏शिक्षा- एम. ए. अर्थशास्त्र एवं हिन्दी, बी. एड. ✏ साहित्य सेवा- साहित्य लेखन के लिए प्रेरित करना।      सह सम्पादक "साहित्य धरोहर" अवध मगध साहित्य मंच (हिन्दी) राष्ट्रीय सचिव - राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन मध्यप्रदेश,      प्रदेश प्रभारी(बिहार) - साहित्य सरोज पत्रिका एवं भारत भर के विभिन्न पत्रिकाओं, साहित्यक संस्थाओं में सदस्यता प्राप्त। प्रधानमंत्री - बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन इकाई सासाराम रोहतास ✏समाज सेवा - अध्यक्ष, शिक्षक न्याय मोर्चा संघ इकाई प्रखंड चेनारी जिला रोहतास सासाराम बिहार ✏गृहपता- ग्राम-कान्हपुर,पोस्ट- कर्मनाशा, थाना -दुर्गावती,जनपद-कैमूर पिन कोड-821105 ✏राज्य- बिहार ✏मोबाइल - 9572289410 /9955999098 ✏ मेल आई- rameshpunam76@gmail.com                  rameshpoonam95@gmail.com ✏लेखन मुख्य विधा- छन्दमुक्त एवं छन्दमय काव्य,नई कविता, हाइकु, गद्य लेखन। ✏प्रकाशित रचनाएँ- देशभर के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में एवं  साझा संग्रहों में रचनाएँ प्रकाशित। लगभग 600 रचनाएं पत्र-पत्रिकाओं तथा 50 साझा संग्रहों एवं तमाम साहित्यिक वेब पर रचनाये प्रकाशित। ✏साहित्य में पहला कदम- वैसे 2002 से ही, पूर्णरूप से दिसम्बर 2014 से। ✏ प्राप्त सम्मान विवरण -: भारत के विभिन्न साहित्यिक / सामाजिक संस्थाओं से  125 सम्मान/पुरस्कार प्राप्त। ✏ रूचि -- पढाने केसाथ- साथ लेखन क्षेत्र में भी है।जो बातें मेरे हृदय से गुजर कर मानसिक पटल से होते हुए पन्नों पर आकर ठहर जाती है। बस यही है मेरी लेखनी।कविता,कहानी,हिन्दी गद्य लेखन इत्यादि। ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ आदरणीय मित्र मेरे अन्य वेबसाईट एवं लिंक--- www.rameshpoonam.wordpress.com http://yadgarpal.blogspot.in http://akankshaye.blogspot.in http://gadypadysangam.blogspot.in http://shabdanagari.in/Website/nawaunkur/Index https://jayvijay.co/author/rameshkumarsing ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ आपका सुझाव ,सलाह मेरे लिए प्रेरणा के स्रोत है ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~