यादें….
कचोटता है मन मेरा अंदर से खासकर पर्व त्यौहार के मौके पर अकस्मात ही ! याद आ जाती है माँ
Read Moreविषैली हवा चली मेरे शहर में। दम तोड़ रही पीढ़ी मेरे शहर में।। कारखानो की चिमनियाँ देखिये। जहर उगलने लगी
Read Moreशरद पूर्णिमा की शरद रात थी चमक चांदनी छिटकी हुई थी । कनक किरणों के मोह जाल में वियोगी वसुधा
Read Moreमैं कारक जीवन उत्पत्ति का विद्युत का विस्तृत स्रोत हूँ । जलधि, नीरधि वारिधि बनकर मानव संस्कृति का मैं देव
Read Moreमैंने तो अभी जन्म भी नही लिया तो घरवालो ने लड़का नही लड़की हुई है माँ को ये बोल कर
Read Moreयू ट्यूब के MTD MEDIA WORKS चैनल के द्वारा महान गायक स्व. किशोर कुमार की पावन पुण्यतिथि पर उन्हें श्रृध्दांजलि
Read Moreओ३म् वैदिक साहित्य में ऋषि दयानन्द कृत ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका ग्रन्थ का प्रमुख स्थान है। यह ग्रन्थ उनके चारों वेदों के भाष्य
Read Moreठहरी हुई इक झील में,हलचल मचा गया कोई सोए से थे अरमां मेरे,ख्वाब जगा गया कोई उसकी गहरी सी आंखों
Read More