“दोहा-मुक्तक”
घर की शोभा आप हैं, बाहर में बहुमान भवन सदन सुंदर लगे, जिह्वा मीठे गान धाम धाम में वास हो,
Read Moreघर की शोभा आप हैं, बाहर में बहुमान भवन सदन सुंदर लगे, जिह्वा मीठे गान धाम धाम में वास हो,
Read Moreसुबह से शाम तक सब पर बड़े एहसान करती है हमेशा अपने मायके का स्वयं गुणगान करती है बड़ी अच्छी
Read Moreतुम्हारी याद जब आती तो मिल जाती ख़ुशी हमको तुमको पास पायेंगे तो मेरा हाल क्या होगा तुमसे दूर रह
Read Moreउग आये शैवाल गाँव के तालों में पेंच फँसें हैं उलझे हुए सवालों में करूँ समर्पित कैसे गंगा जल को
Read Moreकल तक मोहब्बत का एहसास ना था तुमसे मिलके जाना की क्या होती है मोहब्बत रोज जीते थे हम मगर
Read Moreसुखी गृहस्थ जीवन के लिए केवल यही पर्याप्त नहीं कि आपकी आर्थिक स्थिति ठीक हो अपितु यह भी आवश्यक है
Read More1. मर रहे है भूमिपुत्र,कुछ तो ख्याल करे। दे इन्हें मुक्त बीज,व्यर्थ न सवाल करे।। नहरें नही है जहाँ,वहां भी
Read Moreअब सुकून से रो भी नही पाते हैं हम कोई देख न ले बहते आंसू मेरे तो सब जब सो
Read Moreओ३म् महाभारत में धर्म विषयक प्रभूत सामग्री उपलब्ध होती है। कीर्तिशेष स्वामी जगदीश्वरानन्द सरस्वती जी द्वारा सम्पादित महाभारत ग्रन्थ एक
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