गजल
क्या बची है जमाने में वफा कोई है इस दर्द-ए- दिल की दवा कोई मिलता है जो अपना सा लगता
Read Moreजो कल बीता सो बीत गया, बीते कल की चिंता क्यों हो? बीते कल की चिंता करके, पल आज का
Read Moreइंटरनेट के माध्यम से आज कहानियां, कविता, उपन्यास, शो़ संवाद, ग्रंथ, न्यूज पत्रिकायें, ईबुक्स एवं ईपत्रिका ने अपनी जड़ें मजबूत
Read Moreकांपते तन को गर्माने, मिले कम्बल दिसंबर में। कोई पुण्य चाहे, कुछ नाम हित कम्बल दिसंबर में। चिपट एक दूसरे
Read Moreये हिंदी और उर्दू की विरासत खानदानी है हमारे दिल की धड़कन ये ग़ज़ल हिन्दोस्तानी है ग़ज़ल पाकीज़गी का नाम
Read Moreओ३म् वैदिक धर्मी आर्यों के पांच दैनिक कर्तव्य हैं जिन्हें ऋषि दयानन्द जी ने भी पंचमहायज्ञ नाम से स्वीकार किया
Read Moreपिता का साया पिता का साया गर जिंदगी मे नही होता । मिली जिंदगी मे खुशीयों में रंग नही होता
Read Moreप्यारी दादी अम्मा मुझको, चंदा जरा दिखादे। चमक रहे हैं नभ् में तारे, उनसे बात करा दे। मोबाईल पर पूरी
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