” गुलाब “
हाइकु कांटों में पला , बिखेरी गन्ध ऐसी , मन को छुआ !! प्यारी रंगत , अनूठी है निराली ,
Read Moreमुझे प्रभु तेरी बगिया में आना है तेरे फूलों से मन महकाना है- 1.इक फूल हो धीरज का दाता
Read Moreउन्होंने कहा हम अपना इतिहास लिए फिरते हैं, समझे! मैंने देखा जैसे वे अपने इतिहास के दम पर कूद-फाँद रहे
Read Moreबैठ मजे से मेरी छत पर, दाना-दुनका खाती हो! उछल-कूद करती रहती हो, सबके मन को भाती हो!! तुमको पास
Read Moreगप्पू बंदर था बदमाश काम एक था उसका खास चुरा-चुरा के खाता आम करता औरों को बदनाम सब पशुओं ने
Read Moreखटिया लुट गयी थी आज सेटी लुट गयी गुजरात क्या गए इधर अमेठी लुट गयी विधान सभाओं के संग निकाय
Read Moreहै किताब में ज्ञान यही बस , करें सृजन कुछ अच्छा ! मैने भी कुछ ठान लिया है ,
Read Moreआज जब सुबह घुमने निकला तब अंधकार पूरी तरह से छटा नहीं था और भानू देव भी अपनी स्वर्ण रश्मियों
Read More