अहतियात
तुम हर कदम यंहा रखना, ज़रा अहतियात से, ज़िंदगी की हर डगर, काँटों से भरी है, नेकी भी यहाँ करना,
Read Moreकुहरा करता है मनमानी। जाड़े पर छा गयी जवानी।। नभ में धुआँ-धुआँ सा छाया, शीतलता ने असर दिखाया, काँप रही
Read Moreशांतिप्रिय धर्म की जनसंख्या जैसे-जैसे बढ़ती जा रही है वैसे-वैसे ही शांति स्थापित होने का खतरा दुनिया पर मंडराता जा
Read Moreहर साल 3 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकलांग व्यक्तियों का अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी और 1992
Read Moreकभी उलझ जाते हैं कभी सुलझ जाते हैं हमसफर संग चलते चलते कुछ रिश्ते बदल जाते हैं और उम्र ढलती जाती
Read Moreऐक झलक पाने को तरसे ,छिपे चाँद के जैसे ! गन्ध संदली कैसे भूलें , मधुवन को हम तरसे
Read Moreचलो आज मुखातिब होते हैं, बातें दो चार संजोते है, सब बातें कह दो तुम अपनी, हम अपनी पीड़ा धोते
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