कविता

कैसे – कैसे लोग पहुंच गए हैं संसद में

भारत के संविधान का अपमान करते हैं संसद में,
खाते हैं शपथ, बचाऊंगा भारत की लाज हर हालत में।
पर अफसोस, लानत है, उस प्रतिनिधि नरेश का,
जो करता इज़्ज़त तार – तार, बैठ भरी उसी संसद में।
कैसे – कैसे लोग पहुंच गए हैं संसद में

भारत के वीर सपूत पर हुए दुर्व्यवहार को सही बताते हैं,
नमाजवादी पार्टियों के नेता, पाक की राग सुनाते हैं ।
सूर्खियो में आने को पापी, वीर को भी कठघरे में लाते हैं,
पर भूल गए भारत विरोधी, दाना यही का खाते हैं।
अभिव्यक्ति की आजादी मिली, हैं सिर्फ हमारे भारत में।
कैसे – कैसे लोग पहुंच गए हैं संसद में

आंखों का परदा हटाओ, अपने दिल में एहसास भरो,
गर हो भारतीय तुम भी तो, पाक विरूद्ध हूंकार भरो।
मां भारती के लालो को, तुम भी जी भरकर प्यार करो।
शैतानी हरकत छोड़ो, मानवता को मत शर्मशार करो,
जीवन मरण तुम्हारा है, यहीं इन हसीन वादियों में,
कैसे – कैसे लोग पहुंच गए हैं संसद में

✍️ संजय सिंह राजपूत

संजय सिंह राजपूत

ग्राम : दादर, थाना : सिकंदरपुर जिला : बलिया, उत्तर प्रदेश संपर्क: 8125313307, 8919231773 Email- sanjubagi5@gmail.com