कविता

कश्मीर का दर्द

कश्मीर भारत की आन – बान ,शान है,
कश्मीर पर मरता देश का जवान है ।
केशर की घाटी आज खून से लाल है,
लगता आज दिल्ली का हाल बेहाल है ।।
मैं दिल्ली से पूछ रहा हूँ लाचारी क्यों आयी है ।
और हमारी सेना से चुप्पी क्यों बन्धवायी है ।।
एक बार आज्ञा तो देदो सेना के फॉलादोँ को ।
दुश्मन के सीने पर ठोंको गोली और बारूदों को ।।
एक-एक को चुनकर मारों भारत के गद्दारों को ।
दुनिया से नाम मिटा दो आतंकवाद के ढेरों को ।।
पाकिस्तान की कुटिल चाल को न बर्दास्त करो ।
इस्लामाबाद की छाती पर चढ़कर एक प्रहार करो ।।
जो भारत की सीमाओं पे गीदड़ आँख दिखाए ।
उन पर बन्दूक की गोली से सीख दिखाए ।।
फिर देखो देश में अमन शांति आ जायेगी ।
कश्मीर की घाटी फिर से हरी भरी हो जायेगी।।
बाल भास्कर मिश्रा

*बाल भास्कर मिश्र

पता- बाल भाष्कर मिश्र "भारत" ग्राम व पोस्ट- कल्यानमल , जिला - हरदोई पिन- 241304 मो. 7860455047