कविता

कविता – जन्नत से प्यारा

हिमगिरि का ताज सजाये जो।
सबकी पहचान बताये जो।।
स्वर्ण सी चमक दिखाये जो।
कितना प्यारा लगता है जो।।
ऋषि मुनियों की खान है जो।
सबके दिलों की जान है जो।।
हम सबका स्वाभिमान है जो।
जन्नत से प्यारा लगता है जो।।
 हरियाली की ओढ़े चुनर जो।
समृद्धि के गीत गाता है जो।।
खेतों और खलिहानों वाला।
कलकल धुन सुनाता है जो।।
नदियों झीलों तड़ाग वाला।
ऊँचे ऊँचे सुन्दर टीले वाला।।
बालू के रेतीले धोरों वाला।
कितना रम्य रिझाता है जो।।
गढ़ कोठे कंगूरों वाला है जो।
राजा रजवाड़ों वाला है जो।।
संस्कार संस्कृति वाला है जो।
विश्वगुरु भारत कहाता है जो।।
कवि राजेश पुरोहित

राजेश पुरोहित

पिता का नाम - शिवनारायण शर्मा माता का नाम - चंद्रकला शर्मा जीवन संगिनी - अनिता शर्मा जन्म तिथि - 5 सितम्बर 1970 शिक्षा - एम ए हिंदी सम्प्रति अध्यापक रा उ मा वि सुलिया प्रकाशित कृतियां 1. आशीर्वाद 2. अभिलाषा 3. काव्यधारा सम्पादित काव्य संकलन राष्ट्रीय स्तर की पत्र पत्रिकाओं में सतत लेखन प्रकाशन सम्मान - 4 दर्ज़न से अधिक साहित्यिक सामाजिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित अन्य रुचि - शाकाहार जीवदया नशामुक्ति हेतु प्रचार प्रसार पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य किया संपर्क:- 98 पुरोहित कुटी श्रीराम कॉलोनी भवानीमंडी जिला झालावाड़ राजस्थान पिन 326502 मोबाइल 7073318074 Email 123rkpurohit@gmail.com