गीतिका/गजल
इश्क तो अब आजमाया जा रहा है। खेल दिलो का दिखाया जा रहा है।। टूटकर बिखरता है बेचारा बार बार।
Read Moreइश्क तो अब आजमाया जा रहा है। खेल दिलो का दिखाया जा रहा है।। टूटकर बिखरता है बेचारा बार बार।
Read Moreकहीं कुदाल से वार हो रहा, कहीं भीड़ टूट पड़ रहीं। यहीं नहीं कहीं लाठियां भी बरस रही। यह सब
Read Moreआपने कभी खुशियों की बीन बजाई है? शायद आप में से अधिकतर लोग कहेंगे कि खुशियों की बीन तो क्या
Read Moreपहले पत्थर हुआ होगा… पहले पत्थर हुआ होगा, फिर तराशा गया होगा। उसी के बाद लोगों ने खुदा जैसा कहा
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