कविता

ज़िन्दगी….

ज़िन्दगी….
छोटे बड़े ख्वाब दिखाती है ज़िन्दगी।
हंसते -हंसते कभी रुलाती है ज़िन्दगी।
सोचे जब कभी सब पा लिया है हमने;
नई ख्वाहिश से रुबरु कराती है ज़िन्दगी।
नाउम्मीदी की रात जब गुज़र जाती है;
नई सुबह अरमानों की लाती है ज़िन्दगी।
कैसे कह दोगे खुद को भी समझ लिया है;
खुद से कभी मुलाकात कराती है ज़िन्दगी।
क्यों खामोशी ओड़े जी रहे हो तुम यूंही;
रंगीन सपने नैनों में सजाती है ज़िन्दगी।
बदल सकता है नसीब गर इरादे हो पक्के;
हारते को भी मंज़िल से मिलाती है ज़िन्दगी।
कामनी गुप्ता ***
जम्मू !

कामनी गुप्ता

माता जी का नाम - स्व.रानी गुप्ता पिता जी का नाम - श्री सुभाष चन्द्र गुप्ता जन्म स्थान - जम्मू पढ़ाई - M.sc. in mathematics अभी तक भाषा सहोदरी सोपान -2 का साँझा संग्रह से लेखन की शुरूआत की है |अभी और अच्छा कर पाऊँ इसके लिए प्रयासरत रहूंगी |