कविता

जय भोले शंकर

 

भोले शंकर अबके सावन में अपने पास बुलाना।
दिल में जगह न दो तो अपने पैरो में जगह बनाना।।

शीश तुम्हारे चरणो में रख मेरा जीवन कट जाए।
सर पर हाथ रहे तुम्हारा तो हर संकट कट जाए।।

जब जब शंकर नाम तुम्हारा मेरे मुख पर आए।
मन से लेकर अंतर्मन तक सब पवित्र हो जाए।।

सावन की वर्षा की तरह मैं सारा भीग जाओं।
अपने प्यार की कुछ इस कदर वर्षा बरसाना।।

मन की चालाकियों पर अपना भोलापन बरसाना।
अबके सावन में भोले मुझे अपने द्वार बुलाना।।

 

नीरज त्यागी

पिता का नाम - श्री आनंद कुमार त्यागी माता का नाम - स्व.श्रीमती राज बाला त्यागी ई मेल आईडी- neerajtya@yahoo.in एवं neerajtyagi262@gmail.com ग़ाज़ियाबाद (उ. प्र)