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सतरंगी समाचार कुञ्ज-6

आप लोग जानते ही हैं, कि ‘सतरंगी समाचार कुञ्ज’ में सात रंगों के समाचार हम लिखते हैं, शेष रंगों के समाचार कामेंट्स में आपकी-हमारी लेखनी से लिखे जाएंगे. आइए देखते हैं इस कड़ी के सात रंग के समाचार-

1.बिहार की ‘शेरनियां’-
बिहार: सड़क पर घूम रहीं मार्शल आर्ट सीखी हुईं ‘शेरनियां’, मनचलों पर नजर
बिहार के कैमूर जिले में लड़कियों से छेड़छाड़ की घटनाओं पर लगाम के लिए एक विशेष शेरनी टीम लगाई गई है। टीम में 30 महिला पुलिसकर्मी सदस्य हैं, जिन्होंने मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण लिया हुआ है। यह स्क्वॉड सार्वजनिक स्थानों पर सादे कपड़ों में पैट्रोलिंग कर मनचलों पर रख रहा नजर।

2.बेबी फाए और लंगूर का दिल-
बेबी फाए: बच्ची जिसके अंदर धड़क रहा था एक लंगूर का दिल
मेडिकल साइंस कभी कुछ ऐसी चीजों को भी संभव कर दिखाता है जिसकी इंसान उम्मीद भी नहीं कर सकता। इसी तरह का एक चमत्कार किसी जानवर का दिल इंसान में ट्रांसप्लांट करना है। यह चमत्कार 1984 में हुआ था। दरअसल स्टेफनी फाए बोकलेर नाम की एक बच्ची का जन्म 14 अक्टूबर, 1984 को हुआ था जो बेबी फाए के नाम से चर्चित हुइ। उसके दिल का बायां हिस्सा पूरी तरह विकसित नहीं था। दिल को छोड़कर वैसे फाए की हालत अच्छी थी। हार्ट ट्रांसप्लांट से हालत बेहतर हो सकती थी। लेकिन नवजात को दिल दान करना मुश्किल काम था। मेडिकल टीम ने एक लंगूर का चयन किया और फाए को उसका हार्ट लगाना शुरू किया। फाए का नया दिल धड़कने लगा। इसके बाद बेबी फाए मीडिया की सुर्खियों में आ गई। सैकड़ों लोगों ने बच्ची की सेहत के लिए दुआएं कीं और उसको कार्ड्स, फूल और पैसे भेजे।

3.अमेरिका में हिंदी-
अमेरिका में हिंदी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भारतीय भाषा
अमेरिका में हिंदी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भारतीय भाषा बनी हुई है। इसके बाद गुजराती और तेलुगु बोलने वालों का नंबर आता है। आंकड़ों की मानें तो 1 जुलाई 2018 तक 8.74 लाख लोगों के साथ अमेरिका में हिंदी सबसे अधिक बोली जाने वाली भारतीय भाषा रही, जो 2017 के आंकड़ों में 1.3% की मामूली बढ़ोतरी है। अमेरिकन कम्युनिटी सर्वे (एसीएस) ने जारी किए आंकड़े, प्रतिशत के मामले में देखें तो तेलुगु भाषी व्यक्तियों की संख्या अमेरिका में अन्य भारतीय भाषाओं के बोलने वालों से बहुत अधिक बढ़े जो 2010 से 2018 के बीच 79.5% की बढ़ोतरी हुई।

4.पानी-रे-पानी!-
पानी नहीं बचाया तो केपटाउन जैसे बन जाएंगे चेन्नै, बेंगलुरु: जलशक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने आगाह किया है कि अगर लोग पानी बचाने की अपनी जिम्मेदारी नहीं समझेंगे तो भारत की आबादी का बड़ा हिस्सा बुरी तरह प्रभावित होगा और ‘चेन्नै, बेंगलुरु केपटाउन बन जाएंगे।’ बता दें कि वर्ष 2017-18 में केपटाउन में जल संकट गहरा गया था जब दक्षिण अफ्रीका की राजधानी में पानी पूरी तरह खत्म हो गया।
तेजी से शहरीकरण, बढ़ती आबादी और खराब जल प्रबंधन के कारण बेंगलुरु में नलकूप सूखने, भूजल स्तर गिरने और झीलें जहरीली होने लगी हैं। बड़ी संख्या में लोगों के पास नल वाला पानी नहीं पहुंच रहा है और वे पानी के टैंकरों पर निर्भर हैं। देश के एक और महानगर, चेन्नई में स्थिति बेहतर नहीं है।

5.भारत की तकनीक की मांग-
पहली बार / गगनयान में जाने वाले अंतरिक्ष यात्री बिना पानी के स्प्रे से नहाएंगे, नासा ने इसरो से तकनीक मांगी
भारत का स्वदेशी बहुउद्देशीय मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ दिसंबर 2021 में लॉन्च किया जाएगा। इसमें इसरो और आईआईटी दिल्ली नया प्रयोग करने वाले हैं। इसके तहत अंतरिक्ष यात्री बिना पानी के स्प्रे से नहाएंगे। इसे क्लेन्स्टा इंटरनेशनल कंपनी ने आईआईटी दिल्ली के साथ मिलकर तैयार किया है। अंतरिक्ष में नहाने के लिए इसका इस्तेमाल करने वाला भारत पहला देश होगा। नासा भी इसका इस्तेमाल किए जाने को लेकर इसरो के साथ संपर्क में है। अंतरिक्ष में यात्रियों को स्पेस शटल में कम से कम सामान ले जाना हाेता है। जहां नहाने के लिए पर्याप्त पानी नहीं होता है। न नहाने पर शरीर पर कई तरह के कीटाणु पैदा हो जाते हैं। अंतरिक्ष यात्रियों को नहाने के लिए अलग प्रकार से पानी का उपयोग करना पड़ता है। यहां तक कि उन्हें अपने पेशाब को जमा कर विशेष प्रक्रिया के जरिए रिसाइकिल कर इस्तेमाल करना पड़ता है।

6.इको-फ्रेंडली ‘सुपरकार’-
लकड़ी से बनी ‘सुपरकार’, जानें इसमें क्या है खास
जापान ने एक खास कार बनाई है, जो कि कहीं ज्यादा इको-फ्रेंडली है। जापान ने एक कॉन्सेप्ट कार डिवेलप की है, जिसका ज्यादातर हिस्सा लकड़ी से बना हुआ है। कॉन्सेप्ट कार नैनो सेल्युलोज वीइकल (NCV) को टोक्यो मोटर शो 2019 में पेश किया गया है।

7.101 साल पुरानी नाव या चट्‌टान!
अमेरिका / 101 साल तक नियाग्रा वॉटर फॉल्स में फंसी रही नाव तूफान में बही, लोग इसे चट्‌टान समझते थे
नियाग्रा वॉटर फॉल्स की चट्टानों में 101 साल से फंसी बड़ी नाव तेज हवा और भारी बारिश के कारण शनिवार को बह गई। वह अमेरिका से कनाडा की ओर गिर गई। यह नाव 1918 में जलप्रपात के मुहाने तक आ गई थी और तब से वहीं फंसी थी।
रिपोर्ट के मुताबिक, नाव पर दो लोग सवार होकर सेंट लॉरेंस नदी से जा रहे थे। इस बीच मौसम अचानक खराब हुआ और तेज बहाव के कारण नाव जलप्रपात के किनारे जाकर फंस गई। हालांकि, इस पर सवार दो लोगों को बचा लिया गया था। लकड़ी और लोहे से बनी यह नाव चट्टान में फंसने के बाद खराब हो गई थी। इस कारण लोग इसे भी चट्टान समझने लगे थे।

कुछ फटाफट सुर्खियां-
1.गंगा-जमुनी तहजीब की खूबसूरत मिसाल, सागरपुर में 15 साल से छठ घाट तैयार कर रहे मुस्लिम
2. दावा / राजस्थान की छात्रा ने 17 दिनों में 70×70 फीट की दुनिया की सबसे बड़ी ड्राइंग बनाई
3.छोटा होता है भारतीयों के दिमाग का आकार, ईस्ट और वेस्ट की तुलना में
4.सूरत: पति को मारने की रची थी साजिश, पति और प्रेमी दोनों झील में डूबे
5.मेट्रो स्टेशन पर छूटा लाखों रुपयों से भरा बैग लौटाया
6.Fitbit फिटनेस बैंड युवक की कलाई पर ब्लास्ट, जलने से हो गया गहरा घाव
7.12वीं के छात्र ने बीड़ी का फिल्टर बनाया, कम करेगा निकोटिन लेवल

आशा है आपको सतरंगी समाचार की यह कड़ी भी पसंद आई होगी. आप भी कामेंट्स में विभिन्न रंगों के ऐसे अनोखे-रोचक-जागरूकता से ओतप्रोत सकारात्मक समाचार लिख सकते हैं.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “सतरंगी समाचार कुञ्ज-6

  • लीला तिवानी

    आईआईटी बॉम्बे की लैब में एडवांस स्टेथोस्कोप तैयार किया गया है। यह ब्लूटूथ और इंटरनेट की तकनीक से लैस है। इसके जरिए दिल की धड़कन को ईमेल या वॉट्सएप की मदद से डॉक्टर तक भेजा जा सकता है। इतना ही नहीं दूर-दराज गांव से कोई नर्स या डॉक्टर मरीज की धड़कन अपने विशेषज्ञ को भेजकर राय ले सकते हैं।

    यह स्टेथोस्कोप गांव के प्राइमरी हेल्थ सेंटर में बीमारियों की स्क्रीनिंग और बच्चों के दिल में छेद का पता लगाने में भी मदद करेगा। यह आम स्टेथोस्कोप से करीब 35 गुना बेहतर तरीके से धड़कन को सुनता है। इसे ‘आयु सिंक’ नाम दिया गया है। इसका नया वर्जन बनाने वाली टीम के सदस्य तपस पांडे ने बताया कि ‘आयु सिंक’ की मदद से धड़कन को ‘आयु शेयर’ एप के जरिए रिकॉर्ड किया जाता है।

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