गीत/नवगीत

नवगीत : पथिक को मंजिल मिलेगी

पथिक को मंजिल मिलेगी
सतत यात्रा के सहारे
लिए आशा स्वाति जल की
चकोरी नभ को निहारे
झरे झरना चीर पर्वत
पहाड़ी पर पथ बनाती
निरंतर बढ़ लक्ष्य पथ पर
जलधि में खुद को मिलाती
बढ़ो तुम भी तान सीना
हटा कष्टों को किनारे
पथिक को मंजिल मिलेगी
सतत यात्रा के सहारे
लक्ष्य हो बस एक मन में
पार्थ के सम शुक नयन पर
त्याग दो तुम चाल शश की
मध्य में मत अब शयन कर
चाल कच्छप की निरंतर
दौड़ता है धैर्य धारे
पथिक को मंजिल मिलेगी
सतत यात्रा के सहारे
— अनंत पुरोहित अनंत

अनंत पुरोहित 'अनंत'

*पिता* ~ श्री बी आर पुरोहित *माता* ~ श्रीमती जाह्नवी पुरोहित *जन्म व जन्मस्थान* ~ 28.07.1981 ग्रा खटखटी, पोस्ट बसना जि. महासमुंद (छ.ग.) - 493554 *शिक्षा* ~ बीई (मैकेनिकल) *संप्रति* ~ जनरल मैनेजर (पाॅवर प्लांट, ड्रोलिया इलेक्ट्रोस्टील्स प्रा लि) *लेखन विधा* ~ कहानी, नवगीत, हाइकु, आलेख, छंद *प्रकाशित पुस्तकें* ~ 'ये कुण्डलियाँ बोलती हैं' (साझा कुण्डलियाँ संग्रह) *प्राप्त सम्मान* ~ नवीन कदम की ओर से श्रेष्ठ लघुकथा का सम्मान *संपर्क सूत्र* ~ 8602374011, 7999190954 anant28in@gmail.com