विविध

रहस्यवादी दार्शनिक

श्री ओशो रजनीश रहस्यवादी दार्शनिक हैं, उनसे बेहतर प्रेम को कौन जान सकता है, तो आइए, उनके सहारे हम  प्रेम -प्रेम खेलते हैं… उसने प्रेम को जाना, तो वह कभी पराजित हुआ ही नहीं, क्योंकि प्रेम को कोई उपाय ही नहीं है हराने का !
तुमने किसी को प्रेम किया, यह तुम्हारा हक था। उसने स्वीकार किया या नहीं किया, यह उसका हक है। तुम्हारे प्रेम करने को कहाँ रुकावट है?
तुम चाँद को प्रेम करते हो– इसका मतलब यह थोड़े ही है कि चाँद को जेब में रखना पड़ेगा, तभी प्रेम जाहिर होगा।
तुम फूलों से प्रेम करते हो– इसका मतलब यह थोड़े ही है कि उनको तोड़कर गुलदस्ता बनाना पड़ेगा, तभी प्रेम जाहिर होगा। पराजित होने की भाषा प्रेम की भाषा ही नहीं है।
प्रेम ने कभी पराजित होना जाना ही नहीं। प्रेम तो सदा जीता हुआ है और जो प्रेम में जीया है, वह जीत ही जीत में जीया है । उसकी कोई हार नहीं है। हारता है अहंकार, क्योंकि अहंकार जीतना चाहता है। प्रेम तो जीतना ही नहीं चाहता, हारेगा कैसे? जहाँ जीत की आकांक्षा नहीं है, वहाँ हार कैसे हो सकती है?

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.