राजनीति

झिकझिक

यूपीए के दूसरे कार्यकाल में डॉ. मनमोहन सिंह को फिर से प्रधानमंत्री नहीं बनाए जाने चाहिए थे, क्योंकि तब उसके बदले श्री राहुल गाँधी को प्रधानमंत्री बनाने चाहिए थे !

इसके दो फायदे होते ! राहुल जी प्रधानमंत्री बन ‘गम्भीर’ वक्ता के तौर पर उभरते और आज की तरह वह ‘मिर्गी रोगी’ टाइप ऊलजलूल न बक रहे होते ! फिर काँग्रेसियों को नेहरू-गाँधी परिवार को अंतिम तोहफा (वारिस) देकर दरबारी करने की मुक्ति तो मिल जाती!
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मैं औरों की भी परवाह करता हूँ, किन्तु मेरी निगाह में वही बात सही है, जिसे मैं सही समझता हूँ!

वर्ष 2018 की झिक-झिक यथा यूजीसी-नेट की परीक्षा 16 दिसंबर’18 को थी, बीपीएससी की 64वीं पीटी की परीक्षा भी 16 दिसंबर’18 को ही थी। लाखों ऐसे परीक्षार्थी हैं, जिसने दोनों के लिए फॉर्म भर रखे हैं ।
बेरोजगारी के इस आलम में किसी की परीक्षा-तिथि बढ़नी चाहिए थी या नहीं ! अगर ऐसी नहीं होगी, तो बेरोजगारी चिरस्थायी ही रह जायेगी !
दोनों आयोगों को परीक्षार्थी-हित में ध्यान देना चाहिए था, किन्तु ऐसा नहीं हुआ!
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भारतीय पुरुषों को देश चलाने के लिए व राजनीतिक परिपक्वता हासिल करने की उम्रसीमा 18 वर्ष (वोटिंग का अधिकार) है, किन्तु  उन्हें घर बसाने के लिए व लैंगिक परिपक्वता हासिल करने की उम्रसीमा 21 वर्ष (शादी की cut off उम्र) है यानी देश चलाने से भी मुश्किल है, घर बसाना !

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.