गीतिका/ग़ज़ल

गजल

तुम बदल गए मुझे छल गए

देख मुझको अपनी राहें बदल गए

तुम थे तो किस्मत थी साथ मे

तुम भी अब हाथों से निकल गए

पत्थर दिल की थी आंख नम

पत्थर दिल भी थे पिघल गए

कल देख के अपनी गली में तुझे

सोए अरमा थे जो मचल गए

— अभिषेक जैन

अभिषेक जैन

माता का नाम. श्रीमति समता जैन पिता का नाम.राजेश जैन शिक्षा. बीए फाइनल व्यवसाय. दुकानदार पथारिया, दमोह, मध्यप्रदेश