कविता

मानवाधिकारदिवस

अच्छा है कि हम
बहुत से दिवस
विशेष तिथियों में मनाते हैं,
वैसे ही हम मानवाधिकार दीवस भी
हर साल दस दिसंबर को मनाते हैं।
परंतु दिवस की सार्थकता भी
साबित होनी चाहिए,
मानव कल्याण, अधिकार पर
बात ही नहीं
काम भी होना चाहिए।
मानव हितों के लिए
काम भी दिखने चाहिए,
दिवस मनाने का परिणाम भी
सामने आना चाहिए,
सिर्फ़ औपचारिकता के लिए
दिवस नहीं मनाना चाहिए।

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921