सामाजिक

कोरोना के साथ कैसे मनाये होली का त्यौहार

होली रगों का त्योहार है, जिसे हर धर्म के लोग पूरे उत्साह और मस्ती के साथ मनाते हैं। प्यार भरे रंगों से सजा यह पर्व हर धर्म, संप्रदाय, जाति के बंधन खोलकर भाई-चारे का संदेश देता है। इस दिन सारे लोग अपने पुराने गिले-शिकवे भूल कर गले लगते हैं और एक दूजे को गुलाल लगाते हैं। बच्चे और युवा रंगों से खेलते हैं। खट्टी मीठी यादों के साथ में होली के त्योहार का अपना ही एक अलग मजा है किंतु कोरोनावायरस से संक्रमण के मामले बढ़ने के बाद लोगों के बीच इसका खौफ ऐसा है। लोगों में संक्रमित होने की ज्यादा आशंका है।ऐसे में यह आशंका जताई जा रही है कि कोरोनावायरस का संक्रमण लोगों को इफेक्ट कर सकता है।
लेकिन ऐसा भी नहीं है कि आप कोरोना के डर से होली के त्योहार का आनंद ही न उठाएं। हम होली खेल सकते हैं, लेकिन कोरोनावायरस से बचाव करते हुए सावधानियांँ बरतनी भी जरूरी है।
१.परिवार के सदस्यों के साथ ही खेलें होली-
महामारी के इस दौर में जब आप यह नहीं जानते कि कौन व्यक्ति आपको कोरोना संक्रमण दे सकता है तो खुद को सुरक्षित रखने के लिए सबसे अच्छा उपाय है कि आप अपने परिवार के लोगों या उन दोस्तों के साथ होली खेलें जिन्हें आप अच्छी तरह से जानते हैं।

२ शरीर के इन अंगों पर रंग लगाने से बचें-
आंखों, मुंह और नाक के पास रंग लगाने या लगवाने से बचें। कोरोना शरीर के इन्हीं अंगों के द्वारा आपको अपना शिकार बनाता है।

३.भीड़भाड़ से रहें दूर-
होली खेलने के लिए भीड़भाड़ वाली या छोटी जगह की बजाय एक खुला मैदान चुनें। होली खेलने से पहले एक बार अपने चेहरे और हाथों को अच्छी तरह से धो लें।होली खेलने के बाद नहाने के लिए एंटीसेप्टिक साबुन का ही प्रयोग करें।

४.सूखी होली खेलें-
सूखी होली आपको संक्रमण से बचाने में कारगर हो सकती है। इस बार रैन डान्स या पुल पार्टियों में होने वाली होली से बचें
५. सैनिटाइजर का प्रयोग करें-
अगर बाहर से लोग आपके साथ होली खेलने आ रहे हैं तो उन्‍हें सेनेटाइजर इस्‍तेमाल करने को दें।

६.घर पर बनाएंँ मिठाई-
बाहर से या बाजार की बनी मिठाईयां लाने के बजाए घर पर मिठाईयां तैयार करें।

७.खानपान का रखें ध्यान-
कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों में इसकी आशंका ज्यादा होती है। उनमें से भी अधिकतर लोग 8-10 दिन के उपचार के बाद ठीक हो जाते हैं। यानी शरीर मजबूत रहे, यह जरूरी है और इसके लिए खानपान का ध्यान रखना जरूरी है।

८.हाथ मिलाने से करें परहेज-
यह एक संक्रामक बीमारी है। इसलिए किसी भी व्यक्ति से हाथ मिलाने से बचें। हाथ धोने के सही तरीके को अपनाते हुए साबुन लगाकर 20 सेकंड तक हाथों को रगड़ें और फिर साफ पानी से उसे अच्छी तरह धोएं।

९.खांसी-जुकाम से पीड़ित व्यक्ति से रहें दूर-
भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से परहेज करें। बाजार, मॉल, मेले आदि में जाने से बचें। अगर आसपास कोई खांसी-जुकाम से पीड़ित है, तो उनके करीब न जाएं और उनसे तीन फिट की दूरी पर रहकर बात करें। अगर कोई संक्रमित है, तो उसके खांसने या छींकने से आसपास का व्यक्ति संक्रमित हो सकता है।

१०.मास्क का करें इस्तेमाल-
संक्रमित व्यक्ति के खांसने और छींकने भर से ही मुंह से निकली द्रव की सूक्ष्म बूंदें हवा के माध्यम से स्वस्थ व्यक्ति को संक्रमित कर सकती हैं। ऐसे में अगर संक्रमित व्यक्ति से मिलना जरूरी है, तो मास्क जरूर लगाएं। बार-बार हाथ धोते रहें।

११.शरीर के इन अंगों पर रंग लगाने से बचें-
आंखों, मुंह और नाक के पास रंग लगाने या लगवाने से बचें। कोरोना शरीर के इन्हीं अंगों के द्वारा आपको अपना शिकार बनाता है।

१२.भीड़भाड़ से रहें दूर-
होली खेलने के लिए भीड़भाड़ वाली या छोटी जगह की बजाय एक खुला मैदान चुनें। होली खेलने से पहले एक बार अपने चेहरे और हाथों को अच्छी तरह से धो लें।होली खेलने के बाद नहाने के लिए एंटीसेप्टिक साबुन का ही प्रयोग करें।

१३.हुड़दंग वाली होली खेलने से बचें-

हुड़दंग वाली होली पूरे देश में खेली जाती है। ऐसे में इस बार इस बात का ध्यान रखना पड़ेगा कि क्या आपके शहर या मोहल्ले में कोई भी व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित तो नहीं है। अगर ऐसा कोई भी केस आपको पता है तो ऐसे इलाकों में जाने से पहले कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए बताए सेफ्टी टिप्स जरूर अपनाएं।

१४.बच्चों को भी बताएं कुछ जरुरी बातें-

आप अपने घर के बच्चों को भी इसके बारे में पूरी जानकारी दें कि कोरोना वायरस के लक्षण कैसे होते हैं। साथ ही उन्हें यह भी बताएं कि उन्हें सर्दी खांसी से पीड़ित बड़े लोगों से दूर ही रहना है। बच्चों को आप फैंसी माउथ मास्क भी दे सकते हैं, जिसे वह होली के दिन पहने जाने वाले मास्क की तरह ही पहनकर खेल सकते हैं। हालांकि बच्चों में कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बहुत कम ही मामले सामने आए हैं, लेकिन फिर भी सावधानी जरुर बरतें।

१५. अच्छी क्वालिटी के रंगों का इस्तेमाल करें-
होली पर अच्छी क्वालिटी के रंगों का इस्तेमाल ही करें जो त्वचा के लिए हानिकारक ना हो ज्यादा सुगंधित तथा रासायनिक रंगों का प्रयोग ना करें

— डॉ. सारिका ठाकुर “जागृति”

डॉ. सारिका ठाकुर "जागृति"

ग्वालियर (म.प्र)