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होली खेलिए, होली को जलाइये मत ! 

एक पतिभक्तिन नारी को देवी मान उनके प्रति सम्मान और आदर्श दिखा सकते हैं, किन्तु एक अन्य भ्रातृभक्तिन नारी (होलिका) को प्रतिवर्ष जलाते हैं और उसे पीड़ा देकर खुशियों के रंगों का महापर्व ‘होली’ मनाने लग जाते हैं, क्यों ? होली के स्मरण में होली मनाइये, न कि प्रतिवर्ष होली को जलाकर।

होली में प्रयोग होनेवाले दो महत्वपूर्ण शब्द सदानंदन और जोगी में ‘सदानंद’ मेरा नाम है और ‘जोगी’ (योगी) मेरे दादाजी का नाम है।

होली में खुशी और उत्साह का माहौल होते हैं, साथ ही गम भी होते हैं, जो कि कई तो व्यक्त नहीं कर पाते हैं।

जीवन में कई रंग सन्निहित हैं और होली भी जीवन के पर्याय हैं।

होली की शुभमंगलकामनायें !

सदानंदन के द्वारे होली हो,

जोगी रा सा-रा रा रा रा रा रा रा रा रा रा रा रा रा रा रा रा रा रा रा रा रा रा रा रा रा रा रा रा….

सभी मित्रों को होली की ढेर सारी… सॉरी… सा री री री री री

सारा सा-रा रा रा रा रा रा रा रा रा रा रा रा रा रा रा रा रा रा रा रा रा रा रा रा रा…..

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.