सामाजिक

मानवता के साहस का इम्तहान – मानवता के सामने कोविड-19 महामारी को हारना होगा

वैश्विक स्तर पर कोरोना महामारी अपनी क्रूर ताकत से मानवीय शरीर को संक्रमित कर काल के गाल में बड़ी निर्दयता से डाल रही है और सोचने समझने तक का मौका भी मानवीय शक्ति से छीन लेने की ओर अग्रसर होती जा रही है। इस महामारी से लड़ने के लिए वैश्विक मानव समाज को अपने गिले-शिकवे, दुश्मनी, बैर, कटुता और अपने आप को सर्वशक्तिमान समझने या सर्वशक्तिमान की दौड़ में आने के अवसर इत्यादि सभी भूलकर वैश्विक मानव समाज को मानवता के नाते, मानवता के साहस के इम्तिहान में वैश्विक रूप से सहयोग की चेन बनाकर महामारी को हराना होगा।….बात अगर हम भारत की करें तो मानवता के नाते सटीक वैश्विक मानवीय चैन कोरोना को हराने के लिए आगे आकर भिड़ गईहै। आज अमेरिका रूस, आस्ट्रेलिया, फ्रांस जर्मनी, ब्रिटेन, सिंगापुर, इजराइल इत्यादि बड़े-बड़े देशों से लेकर छोटे देश भी भारत की इस विपत्ति की घड़ी में मानवता और सहयोग के नाते साथ आकर कोरोना महामारी से युद्ध स्तर पर जंग में भारत का साथ देकर लड़ाई में कूद पड़े हैं और अनेक चिकित्सीय संसाधनों से लैस विमान एक के बाद एक भारत में उतर रहे हैं। हालांकि इस संकट की घड़ी में संसाधनों की कमीं के रहते हमारे अनेक नागरिक भी हमने खोए हैं। शनिवार दिनांक 1 मई 2021 को भी बत्रा अस्पताल में 12 व्यक्तियों की ऑक्सीजन बाधित होने से मृत्यु हुई और सभी परिवारों के साथ भारत को पूर्ण सहानुभूति भी है। लेकिन जिस तरह से आज वैश्विक रूप से, सारे देश भारत के बचाव में आगे आए हैं और मानवता की रक्षा करने में जुट गए हैं, हम कह सकते हैं कि मानवता के सामने इस कोरोना महामारी को हारना ही होगा। परंतु इसके लिए हम सभको मिलकर इस महामारी के से युद्ध करना होगा और हम युद्ध के इम्तिहान में जरूर पास होंगे ऐसा अटल विश्वास है। आज यह महामारी न केवल वैश्विक स्तरपर महामारी से निपटने की मानवीय तैयारियों का इंतिहान ले रही है बल्कि इस महामारी ने तमाम देशों के बीच आपसी सहयोग और उत्तरदायित्व बांटने की क्षमता की भी परीक्षा ले रहीहै। आज चीन जैसा देश जिसके साथ हमारी लंबे समय से तनातनी चल रही है और बीस सैनिकों की शहादत हम भूले नहीं हैं उसने भी मानवीय पहलूसे शुक्रवार दिनांक 30 अप्रैल 2021 को माननीय पीएम को एक पत्र द्वारा महामारी के खिलाफ लड़ने के लिए भारत के साथ सहयोग मजबूत करने और देश को कोविड-19 के तेजी से बढ़ते संक्रमण में सहायता प्रदान करने की इच्छा व्यक्त की है और संवेदनाएं व्यक्त की है और कहा है कि मानवता साझा भविष्य वाला समुदाय है और केवल एकजुटता और सहयोग से ही दुनिया भर के देश इस कोविड – 19 महामारी को हरा सकतेहैं हालांकि किस परिपेक्ष में पत्र लिखा? और लद्दाख में अभी क्या हो रहा है? यह विषय नहीं है, विषय है मानवता के आगे आखिर पाकिस्तान और चीन ने भी सहयोग का प्रस्ताव रखा और कहा कोरोना वायरस मानवता का साझा दुश्मन है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एकजुट और एक साथ मिलकर इस वायरस का मुकाबला करने की जरूरत है। शनिवार दिनांक 1 मई 2021 को रूस के विमान स्पूतनिक – वी वैक्सीन लेकर हैदराबाद हवाई अड्डे पर उतरे।वहीं अमेरिकी दो विमान भी ऑक्सीजन यूनिट सहित जीवन आवश्यक दवाइयां लेकर भारत पहुंचे और अमेरिकी सांसदों ने भारतीय मदद के लिए जो बाइडेन की तारीफ की अमेरिकी उपराष्ट्रपति और भारतीय मूल की कमला हैरिस ने भारतमें कोरोना वायरस महामारी को त्रासदी करार दिया।अमेरिकी संसद भारतीय मूल की प्रमिला जयपाल ने भी कहा भारत को आज हमारी मदद की जरूरत है और हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि हम भारत को मदद करें। उधर विमानन कंपनी बोइंग ने भी भारत को एक करोड़ डालर की आपात कालीन सहायता दी है और खुद होकर घोषणा की कि यह राहत मदद कार्यक्रम में लगे संगठनों को भेजी जाएगी जो स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय संगठन के साथ साझेदारी कर चिकित्सीय सरकारी एवं स्वास्थ्य विशेषज्ञ से विचार-विमर्श कर उन जरूरतमंद इलाकों में दी जाएगी इसके पूर्व मास्टर कार्ड ने भी भारत को एक करोड़ डालर की मदद की थी। उपरोक्त सभी जानकारी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से प्राप्त की गई है। आज हम आधुनिक समय में जी रहे हैंवयांत्रिक संसाधनों का एक नेटवर्क हर जगह फैला हुआ है बस जरूरत है अपने अंदर से मानवता को जगाने की!हर व्यक्ति को आज विपत्ति की घड़ी में फंसे अन्य व्यक्तियों की जान बचाने, जी जान से आगे आकर ऑक्सीजन दवाइयां, मेडिकल संसाधन उनके पास यदि हैं या किसी एप्रोच से उपलब्ध हो सकते हैं तो उपलब्ध करवाएं और अपनी मानवता का फर्ज अदा करने का समय आ गया है। अनेक राज्यों में भी ऑक्सीजन की कमीसे मृत्यु हुई जो अत्यंत दुख और चिंताजनक बात है। ऐसी स्थिति को देखते हुए यह मानवता काही तकाजा है कि आज दिल्ली सहित अनेक राज्यों में गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटियों द्वारा गुरुद्वारों में ऑक्सीजन लंगर का आयोजन किया जा रहा है जरूरतमंदों को फ्रीमें ऑक्सीजन सिलेंडर रिफिल करके दिया जा रहा है और जरूरतमंदों को भोजन लंगर का भी आयोजन किया जा रहा है। राधा स्वामी सत्संग ब्यास द्वारा अपने ढेरों में बिस्तरों की व्यवस्था कर शासन प्रशासन को कोविड -19 उपचार के लिए उपलब्ध कराए गए हैं। अनेक सामाजिक संस्थाओं द्वारा भी इस विपरीत स्थितिमें भोजन लंगर पार्सल द्वारा चलाए जा रहेहैं अनेक राज्योंमें कुछ सामाजिक संस्थाएं जिला प्रशासन की अनुमति से को कोविड सेंटरों को खोला गया है। हमारे गोंदिया जैसी छोटी सिटी में भी दो सामाजिक संस्थाओं ने 75 और 50 बेड के दो कोविड सेंटर जनमानस के लिए खोले हैं। सभी सेवाभावी संस्थाएं केवल और केवल मानवता को आधार बनाते हैं। वह जात-पात अपना-पराया नहीं देखते। केवल मनुष्य के नाते और मानवता के नाते सहायता करने दौड़ पड़ते हैं। आज बड़ेबड़े औद्योगिक घराने, डीआरडीओ सहित देसी-विदेशी समाज सेवा करने वाली संस्थाएं आगे आई है। अतः उपरोक्त विवरण का विश्लेषण करें तो कोरोना को हराने आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हर व्यक्ति योद्धा बनकर लगा हुआ है और मानवता के साहस का इंतिहान देकर मानवताके सामने कोरोना महामारी को हराकर जरूर सफलता प्राप्त करेंगे।
— किशन सनमुखदास भावनानी

*किशन भावनानी

कर विशेषज्ञ एड., गोंदिया