क्षणिका

यह है ममता की राजनीति

यह बात अबतक
समझ में नहीं आई है
कि डायरेक्टर
रामानंद सागर को
‘नारद’ ही क्यों बनने पड़े?
नारद को गाँव में
‘कूटना’ कहा जाता है,
क्यों?
××××
रामायण में यह बात
स्पष्ट नहीं हो सकी
कि कैकेयी महान थी
या मंथरा !
कोई बताएंगे ?
××××
‘दानपेटी’
धार्मिक स्थलों में नहीं,
अपितु ‘अस्पतालों’ में
रखनी चाहिए,
क्योंकि गरीब मरीज
महँगे अस्पतालों की
फीस नहीं भर पाते हैं ?
××××
क्या प्रति 5 साल में
सरकार बदलनी चाहिए ?
क्योंकि पानी भी
एक जगह जमी रहने से
सड़ांध दुर्गंध फैलाती है !
××××
अच्छा होता !
जापान के नए राजा
सम्राट नारुहितो
राजगद्दी न सँभाल
वहाँ ‘लोकतंत्र’
घोषित कर देते !
××××
एक
खरबूजा (विपक्ष) को
देखकर,
दूसरा
खरबूजा (सत्तापक्ष) भी
रंग
बदलने लगता है !

यह है ममता की राजनीति !

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डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.