गीत/नवगीत

असफलता संग व्यथा रही

असफलता संग व्यथा रही।
मेरे जीवन की कथा रही।।

पीड़ा से पीड़ित था बचपन।
भय से भयभीत था, छुटपन।
किशोर हुआ, अभाव मिले नित,
युवावस्था भी, थी बस ठिठुरन।
अकेलेपन की सजा रही।
मेरे जीवन की कथा रही।।

किसी को कुछ भी दे न सका।
साथ आया जो,  वही  पका।
भटकर को ना, राह मिली,
टूटा सपना, पर नहीं थका।
राह ही जिसका, पता रही।
मेरे जीवन की कथा रही।।

राह में कुचली कली मिली।
दुलारा उसको, वही खिली।
राह अलग, उसको था जाना,
नहीं कभी वह, हिली-मिली।
साथ हमारे, बस सजा  रही।
मेरे जीवन की कथा रही।।

आदर्शो की कुछ राह चुनीं।
अपनों की भी, नहीं सुनी।
संघर्ष पथ पर साथ था खोजा,
मिली न अब तक कोई गुनी।
कोशिशों की बस  कज़ा रही।
मेरे जीवन की कथा रही।।

डॉ. संतोष गौड़ राष्ट्रप्रेमी

जवाहर नवोदय विद्यालय, मुरादाबाद , में प्राचार्य के रूप में कार्यरत। दस पुस्तकें प्रकाशित। rashtrapremi.com, www.rashtrapremi.in मेरी ई-बुक चिंता छोड़ो-सुख से नाता जोड़ो शिक्षक बनें-जग गढ़ें(करियर केन्द्रित मार्गदर्शिका) आधुनिक संदर्भ में(निबन्ध संग्रह) पापा, मैं तुम्हारे पास आऊंगा प्रेरणा से पराजिता तक(कहानी संग्रह) सफ़लता का राज़ समय की एजेंसी दोहा सहस्रावली(1111 दोहे) बता देंगे जमाने को(काव्य संग्रह) मौत से जिजीविषा तक(काव्य संग्रह) समर्पण(काव्य संग्रह)