लघुकथा

संवेदना की मौत

किसी फेसबुक समूह में उसने देखा कि टैंकर और स्कूटी की टक्कर में स्कूटी सवार महिला बुरी तरह से घायल हो गई थी और उसकी गुलाबी रंग स्कूटी चकनाचूर हो गई थी। स्वयं उसकी पत्नी एचडीएफसी बैंक में कार्यरत थी और उसी रास्ते गुलाबी रंग की स्कूटी से आया जाया करती थी। एक पल के लिए उसकी आंखों के आगे अंधेरा छा गया। उसने तुरंत पत्नी को फोन लगाया। घंटी जाती रही मगर फोन नहीं उठा। उसने पुलिस को फोन लगाया और बदहवास सा घटनास्थल की ओर भागा। वहां महिला के बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं मिलने पर पुलिस को पुनः फोन मिलाया और  हॉस्पिटल पहुंच कर पाया कि महिला कोई और थी और उसकी मृत्यु हो चुकी थी। उसने ”थैंक गॉड’ कहकर राहत की सांस ली। झठ से पत्नी को फोन मिलाया और रेस्टोरेंट में कॉफी का निमंत्रण दे डाला।

अमृता पान्डे

मैं हल्द्वानी, नैनीताल ,उत्तराखंड की निवासी हूं। 20 वर्षों तक शिक्षण कार्य करने के उपरांत अब लेखन कार्य कर रही हूं।