हाइकु/सेदोका

हाइकु-ग्रीष्म ऋतु

तपती धूप
जान ले लेगी जैसे
दम निकला।
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हाय रे गर्मी
चैन न पल भर
दम घुटता।
——
ऐसा लगता
आग बरसे जैसे
जला डालेगी।
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बर्दाश्त नहीं
इस बार की गर्मी
भारी पड़ेगी।
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सहना होगा
हमेशा तो लगता
अबकी बार।

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921