कविता

जीवन संगीत सुनो

जीवन संगीत सुनो

जिसमें कितने राग घुले-मिले

कभी प्रीत से है भरे-भरे

कभी वीरह से है सजे-धजे

जीवन संगीत सुनो

जिसमें सातों रंग के सुर खिले

कुछ चटकीले कुछ फीके

कुछ सुरीले कुछ रसीले

कुछ उम्मीदों से भरे-भरे

कुछ चाहतों के रंग रंगे

कुछ रोशनी से सजे-धजे

सात रंगों में सात सुर

जो मिल जाए

जीवन की बगिया को गुलज़ार कर जाए!!

*विभा कुमारी 'नीरजा'

शिक्षा-हिन्दी में एम ए रुचि-पेन्टिग एवम् पाक-कला वतर्मान निवास-#४७६सेक्टर १५a नोएडा U.P