कविता

बा को सादर नमन

‘पिता’ पर
उदय प्रकाश,
ज्ञानरंजन,
मन्नू भंडारी
और मिथिलेश्वर की
समृद्ध कहानी है,
तो इस जीव पर
शहंशाह आलम,
पंकज चौधरी,
राकेश प्रियदर्शी
और स्वर्णलता ‘विश्वफूल’ की
अच्छी कविताएं भी !
इस धराधाम पर
मुझे लाने का श्रेय ‘पिता’ को
देना ही चाहिए,
किन्तु उनकी मर्जी से
यहाँ नहीं आया हूँ,
अपितु ‘माँ’ के साथ
उनके  रजिस्टर्ड
‘मस्ती’ के बाद
तो धरती पर
मेरा आना
उद्देश्यविहीन
हो जाता है!
पिता कभी भी ‘लिम्का’
या ‘कोकाकोला’ नहीं रहा,
उसने हमेशा ही
‘अनुशासन’ में रखा,
किन्तु जो हो,
मैं पिता का
अंधभक्त नहीं हूँ,
बावजूद ‘पितृ दिवस’ के
इस पुनीतावसर पर
‘बा’ को सादर नमन!

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.