कविता

कविता – बचपन…

छिन गया है गांव का वो बचपन
बन्द हो गया है बचपन का वो खेलना।
जब दौड़ते थे गाॅव की सड़कों में
रहते थे हर किसी की धड़कन में।

गॉव के लोग हुआ करते थे कभी
बच्चों के जिस शोर से परेशान।
यहीं शोर हुआ करता था
मेरे गाँव की पहचान ।

बच्चों की किलकारीयों से
खिल उठता था गांव मेरा।
होती थी गाँव में खूशहाली
जब रहता था गांव में सबका डेरा।

खो गई है बचपन की वो रौनक
खो गया है बचपन का वो प्यार।
खो गई है बचपन की वो बदमाशी
खो गया है गाँव का वो दुलार।

बदलते जमाने के साथ
बढ़ रहे पलायन के साथ।
खाली पड़ रहे है गांव
खण्ड़हर बन रहे है गाँव।

वापस लाओ गाँव की वो खुशहाली
वापस लाओ बचपन का वो शोर।
वापस लौटो गाँव की ओर
वापस लौटो गॉव की ओर।

आदेश सिंह राणा
उत्तरकाशी उत्तराखंड

आदेश सिंह राणा

पिता का नाम - श्री अत्तर सिंह माता का नाम - श्रीमती पवित्रा देवी शिक्षा - बीएससी व्यवसाय - छात्र जन्म तिथि - 01/05/1999 ग्राम - पमाड़ी पो० आँफिस - कलोगी (249171) तहसील - बड़कोट जिला - उत्तरकाशी (उत्तराखंड) सम्पर्क मो० - 9634966610 ई-मेल - 99adeshsinghrana@gmail.com