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वाद्य यंत्रों से निकले संगीत का चुंबकीय आकर्षण 

एक जानकारी के मुताबिक स्विट्जरलैंड में दुनिया के सबसे बड़े अल्पाइन हॉर्न फेस्टिवल प्रसिद्ध वाद्य यंत्र ‘अल्पाइन ‘जो कि एक मीटर लंबे और चौड़े कप के आकर एवं कई जगह ये आठ मीटर के होते है | इन्हें कई नामों से पुकारा जाता है| विदेशी लोक संगीत जो कि आमतौर पर ऑस्ट्रेलिया आल्पस ,जर्मनी में बाबेरियन आल्पस और फ्रेंच आल्पस स्विस आल्पस में संगीत के लिया इस्तेमाल किया जाता है इन वाद्य यंत्रों के द्धारा उत्सव को सेलिब्रेट किया जाता है |मध्य प्रदेश  के आदिवासी क्षेत्रों में विशेषकर झाबुआ, आलीराजपुर ,धार आदि जिलों में भगोरिया उत्सव के दौरान लोक संगीत बड़े आकार का ढोल नृत्य घेरे के मध्य खड़े होकर लोक संगीत बजाया जाता है | इसके संगीत में चुंबकीय आकर्षण होता है | इस ढोल की प्रेक्टिस व तैयारी एक माह पूर्व से की जाती है | कहने का मतलब ये है की लोक संगीत से जुड़े बड़े आकार के वाद्य यंत्रों का महत्व आज तक बरक़रार है | इन वाद्य यंत्रो से  निकले लोक संगीत के आनंद की बात ही कुछ और है | लोक संगीत ,लोक गीतों लोक नृत्य, लोक गायन , लोक कला कृति आदि के उपासक लोक कलाओं को संजोए रखने का प्रशंसनीय कार्य कर रहे है | इस कार्य हेतु उन्हें हार्दिक बधाई |

— संजय वर्मा ‘दॄष्टि’

*संजय वर्मा 'दृष्टि'

पूरा नाम:- संजय वर्मा "दॄष्टि " 2-पिता का नाम:- श्री शांतीलालजी वर्मा 3-वर्तमान/स्थायी पता "-125 शहीद भगत सिंग मार्ग मनावर जिला -धार ( म प्र ) 454446 4-फोन नं/वाटस एप नं/ई मेल:- 07294 233656 /9893070756 /antriksh.sanjay@gmail.com 5-शिक्षा/जन्म तिथि- आय टी आय / 2-5-1962 (उज्जैन ) 6-व्यवसाय:- ड़ी एम (जल संसाधन विभाग ) 7-प्रकाशन विवरण .प्रकाशन - देश -विदेश की विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं में रचनाएँ व् समाचार पत्रों में निरंतर रचनाओं और पत्र का प्रकाशन ,प्रकाशित काव्य कृति "दरवाजे पर दस्तक " खट्टे मीठे रिश्ते उपन्यास कनाडा -अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के 65 रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता भारत की और से सम्मान-2015 /अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित -संस्थाओं से सम्बद्धता ):-शब्दप्रवाह उज्जैन ,यशधारा - धार, लघूकथा संस्था जबलपुर में उप संपादक -काव्य मंच/आकाशवाणी/ पर काव्य पाठ :-शगुन काव्य मंच