कविता

कदम

आगे बढ़ना है तो खुद पर ही नहीं
खुद के कदमों पर यकीन कीजिए,
विश्वास के साथ कदम बढ़ाते
बस आगे ही आगे बढ़िये।
हर कोई आपका संबल बन सकता है
पर आगे आपको ही बढ़ना है
अपने मजबूत इरादों ही नहीं
सधे कदमों के साथ।
भरोसा करना ही पड़ेगा
कदम बढ़ाना ही पड़ेगा
फिर कदमों पर विश्वास भी करना होगा।
बिना कदम बढ़ाए
बेकार है हर हौसला, लाचार है मनोबल
खुद पर विश्वास कीजिए ठीक है,
मगर विश्वास के साथ
पहला कदम भी तो उठाइए
और चल पड़िए मंजिल की ओर
विजय पथ पर भरोसे के कदमों संग।

 

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921