कविता

सूरज

सूरज की पहली किरण
संसार में खुशहाली लाती है
कोई जब कोयल मीठी
मीठी तान में गुनगुनाती है
चिड़िया चहकती हुई
भवरे की  गुनगुन करती हुई
संसार कोजीवन राग सुनाती है
जग में नई उमंग जगाती है
पवन इठलाती , मदमाती
चुपके से कानों में कुछ कह जाती है
बागों में जब नव पुष्प खिलते है
देखकर उनको मन प्रसन्न हो जाता है
मंदिर में मंत्र की ध्वनि सुनाई देती है
मन में एकता का अहसास कराता है
सूरज की पहली किरण
संसार मे खुशहाली लाती है
— पूनम गुप्ता

पूनम गुप्ता

मेरी तीन कविताये बुक में प्रकाशित हो चुकी है भोपाल मध्यप्रदेश